प्रदेश में चल रही यूरिया की किल्लत पर केन्द्र और राज्य सरकार के बीच राजनीति शुरू हो गयी है। राज्य सरकार का कहना है कि केन्द्र सरकार राज्य को यूरिया उपलब्ध नहीं करा रहा है। केन्द्र सरकार का दावा है कि केन्द्र ने यूरिया उपलब्ध करायी है। लेकिन राज्य सरकार उसे वितरित नहीं कर पा रही है और इसका आरोप केन्द्र सरकार पर लगा रही है।

राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही किसानों को यूरिया की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। जिसके चलते राज्य के कई जिलों में प्रदर्शन हो रहे हैं और सरकार की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। ऐसा माना जा रहा है कि प्रदेश के किसानों को अभी एक-दो दिन और यूरिया की किल्लत से जूझना होगा। हालांकि यूरिया के सात रैक मंडीदीप, छिंदवाड़ा, इटारसी, झुकेही, खंडवा, सतना और हरदा पहुंच चुके हैं। लेकिन इसे वितरित करने में थोड़ा समय लगेगा।

हालांकि राज्य सरकार को राहत देते हुए केन्द्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय ने प्रदेश के लिए 50 हजार मीट्रिक टन यूरिया की सप्लाई तत्काल करने पर अपनी मोहर लगा दी है। केन्द्र सरकार ने यूरिया सप्लाई में राजस्थान, हरियाणा, बिहार और पश्चिम बंगाल के साथ प्राथमिकता देने के निर्देश भी दिए गए हैं। राज्य के कई शहरों में यूरिया की किल्लत को लेकर किसानों ने रायसेन, राजगढ़, विदिशा, छतरपुर, टीकमगढ़ और अशोकनगर में प्रदर्शन किया।। राजगढ़-विदिशा में किसानों ने चक्काजाम किया। अशोकनगर और टीकमगढ़ में पुलिस के पहरे में यूरिया बांटा गया।

राज्य सरकार के अनुसार प्रदेश में 2.15 लाख मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति हुई है। करीब 50  हजार मीट्रिक टन यूरिया जल्द ही यहां पहुंचेगा। वहीं, केंद्र सरकार ने दावा किया कि 23 दिसंबर तक प्रदेश को 2.59 लाख मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत थी, जिसमें से 2.38 लाख मीट्रिक टन की उपलब्धता करा दी गयी है। उधर विदिशा और राजगढ़ में यूरिया नहीं मिलने पर किसानों ने जाम लगा दिया। यही स्थिति छतरपुर में भी रही। राजगढ़ में आठ दिन में तीसरी बार किसानों ने हाईवे पर जाम लगाया है।