जेकेएलएफ सरगना यासीन मलिक को पटियाला हाउस कोर्ट ने 24 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। 

इससे पहले केंद्र सरकार ने अलगाववादी नेता यासीन मलिक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उसके संगठन जेकेएलएफ पर प्रतिबंध लगा दिया था। प्रतिबंध आतंकवाद निरोधक कानून के तहत लगाया। पुलवामा आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार पाकिस्तान समर्थित अलगाववादियों के खिलाफ कड़े कदम उठाई है। 

यासीन मलिक पर एनआईए के अलावा सीबीआई ने भी दो मामले दर्ज किया है। इससे पहले जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर पर भी प्रतिबंध लगाया गया था। 

एनआईए ने अलगाववादी नेता मीरवाइज़ उमर फारुख से भी जम्मू कश्मीर में अलगाववादी संगठनों और आतंकवादी गुटों को धन मुहैया कराने के मामले में दिल्ली में पूछताछ हो चुकी है। 

कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर भीषण आतंकवादी हमले के आठ दिन बाद मलिक को गिरफ्तार किया गया था। इस हमले इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। पुलवामा आतंकी हमले के तुरंत बाद पांच अलगाववादियों की सुरक्षा हटा ली गई थी। इसमें मीर वाइज उमर फारूक और शब्बीर शाह का नाम प्रमुख था।