भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार तेज गति से आगे बढ़ रही है। भारत की विकास दर 2019 में 7.5 प्रतिशत तथा 2020 में 7.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने यह अनुमान व्यक्त किया है। खास बात यह है कि इन दो साल के दौरान चीन की तुलना में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर एक प्रतिशत अधिक रहेगी। 2019 और 2020 में चीन की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह रिपोर्ट दावोस में आईएमएफ की चीफ इकनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ ने जारी की है। 

आईएमएफ ने जनवरी के अपने वर्ल्ड इकनॉमिक आउटलुक अपडेट में कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। संगठन का कहना है कि ‘2019 में भारतीय अर्थव्यवस्था रफ्तार पकडे़गी। इसकी प्रमुख वजह कच्चे तेल की कीमतों में कमी तथा मुद्रास्फीति का दबाव कम होने से मौद्रिक रुख का नरम होना रहेगा।’ 

आईएमएफ की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय प्रोत्साहन से चीन पर अमेरिका के ऊंचे शुल्कों के प्रभाव को कम करने में मदद मिली है। इसके बावजूद चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त रहेगी। इसकी वजह जरूरी वित्तीय नियामकीय रुख में सख्ती तथा अमेरिका के साथ व्यापार को लेकर तनाव है। उभरते और विकासशील एशिया में वृद्धि दर 2018 के 6.5 प्रतिशत से घटकर 2019 में 6.3 प्रतिशत रहेगी। 2020 में यह 6.4 प्रतिशत रहेगी। 

चीन की वृद्धि दर 2017 में 6.9 प्रतिशत रही थी, जबकि उस वर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। 2018 में चीन की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत है। अगले दो साल यानी 2019 और 2020 में चीन की अर्थव्यवस्था 6.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। आईएमएफ का ताजा अनुमान पिछले वैश्विक आर्थिक आउटलुक के समान ही हैं। हाल के बरसों में जहां चीन की वृद्धि दर नीचे आ रही है वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था ऊपर की ओर चढ़ रही है। आईएमएफ के अनुसार, 2018 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रही है।

आईएमएफ की रिपोर्ट से कुछ दिन पहले पीडब्ल्यूसी की वैश्विक अर्थव्यवस्था निगरानी रिपोर्ट आई है जिसमें कहा गया है कि भारत 2019 में दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की सूची में ब्रिटेन को पीछे छोड़ देगा। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और फ्रांस 2019 में ब्रिटेन को पीछे छोड़ देंगे। यदि कोई बड़ी दिक्कत नहीं आती है तो 2019-20 में भारत 7.6 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर हासिल करेगा।