कब मनाई जाती है गुरू पूर्णिमा?
Guru Purnima 2024: गुरु पूर्णिमा हिंदी माह आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है, जो जॉर्जियाई कैलेंडर के अनुसार जून या जुलाई में आती है। इस साल गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई 2024 को मनाई जा रही है। यह दिन गुरु या शिक्षक के महत्व को याद करता है। इस शुभ दिन पर लोग गुरु की पूजा करते हैं। द्रिक पंचांग के अनुसार गुरु पूर्णिमा आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है।
ईश्वर और इंसान के बीच की कड़ी होता है गुरु
हिंदू परंपरा में गुरुओं को व्यक्ति और ईश्वर के बीच की कड़ी के रूप में देखा जाता है। उन्हें अज्ञानता के अंधकार को दूर करने और ज्ञान का प्रकाश लाने वाले के रूप में सम्मानित किया जाता है। यह दिन गुरु और शिष्य के बीच के गहरे बंधन की याद दिलाता है। गुरु पूर्णिमा बौद्ध धर्म में भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उस दिन की याद दिलाता है जब गौतम बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के बाद सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था। बौद्ध इस दिन को चिंतन, ध्यान और बुद्ध की शिक्षाओं का पालन करने के समय के रूप में मानते हैं।
ईश्वरीय ज्ञान के प्रकाश का मार्ग प्रशस्त करता है गुरू
गुरू देव का एक इंसान के घर, परिवार और जीवन में क्या और कितना महत्व होता है। कैसे गुरू एक इंसान को अंधेरे की मायावी दुनिया से निकालकर ईश्वरीय ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाने का मार्ग प्रशस्त करता है। गुरु पूर्णिमा हमें उन लोगों के प्रति कृतज्ञ होने की याद दिलाती है जिन्होंने हमें ज्ञान दिया, लिखना पढ़ना सिखाया और हमारा मार्गदर्शन किया। गुरु एक मोमबत्ती की तरह है वह दूसरों के लिए रास्ता रोशन करने के लिए खुद को जला देता है।
गुरू के प्रति 5 महापुरुषों के विचार
1. एकमात्र सच्चा गुरु ईश्वर है, जो सदैव आपके साथ रहता है: महात्मा गांधी
2. एक गुरु हाथ थामता है, दिमाग खोलता है, और दिल को छूता है: रवींद्रनाथ टैगोर
3. गुरु की कृपा एक हल्की हवा की तरह है जो आत्मा को सुकून देती है: श्री श्री रविशंकर
4. दुनिया में किसी को भ्रम में नहीं रहना चाहिए। गुरु के बिना, कोई दूसरे किनारे नहीं ले जा सकता: गुरु नानक
5. गुरु ही है जो मुक्ति का मार्ग दिखाता है। गुरु की शिक्षाएं दीपक की तरह जीवन पथ रोशन करती हैं: स्वामी विवेकानंद
अपने गुरू महाराज को भेंजे ये सुंदर संदेश
1. गीली मिट्टी अनगढ़ी, हमको गुरुवर जान, ज्ञान प्रकाशित कीजिए, आप समर्थ बलवान।
2. गुरु अनंत तक जानिए, गुरु की ओर न छोर, गुरु प्रकाश का पुंज है, निशा बाद का भोर।
3. हे गुरुदेव! इस पावन दिवस पर, आपके आशीष से हमारा जीवन शांति और ज्ञान से भरा रहे।
4. मुझे जीवन में सही राह दिखाने के लिए आपका धन्यवाद। आपका हार्दिक आभार गुरूदेव।
5. गुरु बिन ज्ञान न होत है, गुरु बिन दिशा अजान, गुरु बिन इन्द्रिय न सधें, गुरु बिन बढ़े न शान।