मोदी के रूस पहुंचते ही पुतिन ने भारतीयों को दिया 1 बड़ा तोहफा, मास्को में दिखा भारत का दबदबा

First Published Jul 9, 2024, 12:13 PM IST

रूस में नौकरी की तलाश कर रहे भारतीयों को यूक्रेन युद्ध के लिए सेना में शामिल होने के लिए गुमराह किया गया। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन के समक्ष मुद्दा उठाया। जिसके बाद पुतीन रूसी सेना में कार्यरत भारतीयों को बर्खास्त करने और वापस भेजने पर सहमत हो गए। 

PM मोदी ने रूस दौरे पर भारतीयों दिया बड़ा गिफ्ट, पहली बार होने जा रहा ऐसा काम

नई दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी बिंदास कार्यशैली और अपनों के हित में निडरता से उठाये जाने वाले कदमों के लिए जाने जाते हैं। ऐसा ही एक वाकया 9 जुलाई को उनके मास्को दौरे के दौरान भी दिखा। जहां उन्होंने गुमराह करके रूसी सेना में भर्ती कराए गए भारतीय युवाओं की घर वापसी का मुद्दा इतनी मजबूती से उठाया कि रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन न नहीं कर सके।

राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतीन के सामने PM मोदी ने उठाया ये मुद्दा

पीएम मोदी की डिमांड पर रूसी राष्ट्रपति ने उन्हें आश्वासन दिया कि रूसी सेना में भर्ती भारतीय सैनिकों को बर्खाश्त करके उनकी भारत वापसी में मदद की जाएगी, क्योकि यूक्रेन युद्ध के दौरान भारतीयों को गुमराह करके रूसी सेना में भर्ती किया गया है। वहां फसे भारतीय चाह कर भी वापस अपने वतन नहीं लौट पा रहे थे। जिसको लेकर पीएम मोदी तक से उनके घरवाले गुहार लगा चुके हैं। 

रूसी सेना में कार्यरत भारतीयों को बर्खाश्त करने पर राजी हुआ रूस

अपनी मौजूदा यात्रा के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष मामला उठाए जाने के बाद मॉस्को ने उन सभी भारतीयों को बर्खास्त करने और उनकी वापसी में मदद करने पर सहमति व्यक्त की है, जिन्हें रूसी सेना में शामिल होने के लिए गुमराह किया गया था। जिससे वहां फंसे भारतीयों के वापस लौटने का रास्ता साफ हो गया है। 

अब तक रूस-यूक्रेन युद्ध में मारे जा चुके हैं 4 भारतीय

कई भारतीय, जिन्हें आकर्षक नौकरियों या शिक्षा का वादा करके रूस लाे जाया गया था। बाद में उन्हें यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए रूसी सेना में शामिल करा दिया गया। फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक कम से कम चार भारतीय नागरिक युद्ध में मारे जा चुके हैं। तभी से भारतीयों की वापसी के लिए सरकार पहल कर रही है। 

10 भारतीयों को पहले ही बुलाया जा चुका है वापस

विदेश मंत्रालय के अनुसार, वर्तमान में लगभग 30-40 भारतीय रूसी सेना में सेवारत हो सकते हैं। पहले की रिपोर्टों में कहा गया था कि वे वापस लौटने की इच्छा के बावजूद सेना छोड़ने में असमर्थ थे। 10 भारतीयों को पहले ही वापस लाया जा चुका है। बाकी बचे भारतीयों को वापस लाने की काफी  दिनों से पहल चल रही थी। 

PM मोदी की मास्को यात्रा में सर्वोच्च प्राथमिकता पर था ये काम

नई दिल्ली ने कई कूटनीतिक प्रयास शुरू किए थे, लेकिन रूस की ओर से औपचारिक आश्वासन मिलना बाकी था। भारतीय नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करना पीएम मोदी की मॉस्को यात्रा में सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक था। यात्रा से पहले कांग्रेस नेताओं ने पूछा था कि क्या पीएम मोदी युद्ध क्षेत्र में रूसी सेना के लिए लड़ रहे भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करेंगे।

कांग्रेस महासचिव ने पूछे से पीएम मोदी से सवाल

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने X पर एक पोस्ट में PM से कई सवाल पूछे। लिखा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में कम से कम दो व्यक्तियों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। कई अन्य को एक ऐसे युद्ध में 'धोखा' दिया गया है, जिसमें उनका कोई हित नहीं है, सिवाय गरीबी और बेरोजगारी के संकट से बचने के, जिसे नॉन-बायोलाजिकल प्राइम मिनिस्टर ने घरेलू स्तर पर कायम रखा है। क्या नॉन-बायोलाजिकल प्राइम मिनिस्टर इन युवाओं का मुद्दा उठाएंगे?

PM मोदी और राष्ट्रपति पुतीन के बीच होगी आज शिखर वार्ता

आज मंगलवार को पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के साथ शिखर वार्ता करेंगे। यह 2019 के बाद से रूस की उनकी पहली यात्रा है और फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की शुरुआत के बाद से पहली यात्रा है। दोनों नेता मंगलवार को 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में व्यापार, ऊर्जा और रक्षा सहित विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तारित करने के तरीकों का पता लगाने के लिए तैयार हैं।

PM मादी ने जताया राष्ट्रपति पुतीन का आभार

आज शाम नोवो-ओगारियोवो में मेरी मेज़बानी करने के लिए राष्ट्रपति पुतिन का आभार। कल हमारी बातचीत का भी बेसब्री से इंतज़ार है, जो निश्चित रूप से भारत और रूस के बीच दोस्ती के बंधन को और मज़बूत करने में काफ़ी मददगार साबित होगी। मोदी की इस पोस्ट पर खूब लाइक और कंमेट आ रहे हैं। 

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