Fastag New Rules: 1 अगस्त से लागू नए नियम- कैसे प्रभावित होंगे वाहन मालिक, चेक
1 अगस्त 2024 से फास्टैग के नए नियम लागू हो रहे हैं, जिनमें वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर अपडेट करना और KYC प्रक्रिया शामिल है। जानें इन बदलावों का असर और क्या करें।
1 अगस्त 2024 से फास्टैग के नए नियम लागू हो रहे हैं, जिनमें वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर अपडेट करना और KYC प्रक्रिया शामिल है। जानें इन बदलावों का असर और क्या करें।
New Fastag Rules: फास्टैग से जुड़ी सर्विसेंज पर 1 अगस्त 2024 से नया नियम लागू होने जा रहा है। अब वाहन खरीदने के बाद 90 दिनों के अंदर वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर फास्टैग नंबर पर अपलोड करना होगा। फिक्स टाइम में नंबर अपडेट नहीं होने पर इसे हॉटलिस्ट में डाल दिया जाएगा। इसके बाद 30 दिन का एक्स्ट्रा टाइम दिया जाएगा, लेकिन अगर उसमें भी वाहन का नंबर अपडेट नहीं हुआ तो फास्टैग को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। हालांकि, राहत की बात यह है कि फास्टैग सर्विस प्रोवाइडर्स कंपनियों को 31 अक्टूबर तक सभी 5 और 3 साल पुराने फास्टैग की KYC करानी होगी।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ( NPCI) ने जून में फास्टैग को लेकर डिटेल में गाइडलाइन जारी किया था। जिसमें फास्टैग सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों के लिए KYC प्रॉसेस शुरू करने के लिए 01 अगस्त की तारीख तय की गई थी। अब कंपनियों के पास सभी शर्तों को पूरा करने के लिए 01 अगस्त से 31 अक्टूबर 2024 तक का समय होगा। नई शर्तों के मुताबिक, नया फास्टैग जारी करने और फास्टैग को फिर से जारी करने, सिक्योरिटी डिपॉजिट और मिनिमम रिचार्ज से संबंधित फीस भी NPCI ने निर्धारित कर दिया है।
फास्टैग सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों की ओर से इसे लेकर अलग से गाइडलाइन भी जारी की गई हैं। ऐसे में उन सभी लोगों के लिए परेशानी बढ़ने वाली है, जो नया वाहन खरीद रहे हैं या जिनका फास्टैग पुराना है। इसके साथ ही फास्टैग का इस्तेमाल करने वाले लोगों को भी अब सतर्क रहना होगा क्योंकि फास्टैग को ब्लैकलिस्ट करने से जुड़े नियम भी 1 अगस्त से लागू हो जाएंगे। हालांकि, इससे पहले कंपनियों को वे सभी शर्तें पूरी करनी होंगी जो NPCI ने उनके लिए तय की हैं।
1. कंपनियों को प्राथमिकता के आधार पर 5 साल पुराने फास्टैग को बदलना होगा।
2. तीन साल पुराने फास्टैग को फिर से KYC कराना होगा।
3. वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर और चेसिस नंबर फास्टैग से लिंक होना चाहिए।
4. नया वाहन खरीदने के बाद 90 दिनों के अंदर उसका नंबर अपडेट कराना होगा।
5. फास्टैग सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों द्वारा वाहन डेटाबेस का वेरीफिकेशन किया जाना चाहिए।
6. KYC करते समय वाहन के आगे और साइड की साफ फोटो अपलोड करनी होगी।
7. फास्टैग को मोबाइल नंबर से लिंक करना अनिवार्य होगा।
8. KYC वेरीफिकेशन प्रॉसेस के लिए ऐप, व्हाट्सएप और पोर्टल जैसी सर्विसेज उपलब्ध करानी होंगी।
9. कंपनियों को 31 अक्टूबर 2024 तक KYC नियमों को पूरा करना होगा।
स्टेटमेंट – 25 रुपये प्रति एक
क्लोजिंग फास्टैग – 100 रुपये
टैग मैनेजमेंट – 25 रुपये प्रति तिमाही
नेगेटिव बैलेंस – 25 रुपये प्रति तिमाही।
दूसरी ओर, कुछ फास्टैग कंपनियों ने यह नियम भी जोड़ दिया है कि फास्टैग एक्टिव रहना चाहिए। इसके लिए तीन महीने के अंदर एक ट्रांजेक्शन जरूरी है। अगर कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ तो यह निष्क्रिय हो जाएगा, जिसके लिए पोर्टल पर जाकर इसे एक्टिवेट करना होगा। यह नियम उन लोगों के लिए परेशानी खड़ी करने वाला है जो अपने वाहन का इस्तेमाल सीमित दूरी तक ही करते हैं, जिसमें कोई टोल नहीं कटता।