NPS vs PPF calculator: रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए कौन सा इन्वेस्टमेंट बेहतर है - नेशनल पेंशन सिस्टम या पब्लिक प्रोविडेंट फंड? अगर आपका लक्ष्य 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा का फंड जमा करना है, तो NPS और PPF दोनों ही अच्छे इन्वेस्टमेंट ऑप्शन हैं, लेकिन आपको कौन सा चुनना चाहिए?
रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए कौन सा इन्वेस्टमेंट बेहतर है - नेशनल पेंशन सिस्टम या पब्लिक प्रोविडेंट फंड? अगर आपका लक्ष्य 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा का फंड जुटाना है, तो NPS और PPF दोनों ही अच्छे इन्वेस्टमेंट ऑप्शन हैं? दोनों के लिए मिनिमम और मैक्सिमम इन्वेस्टमेंट लिमिट क्या है, रिटर्न कितना है? टैक्स बेनीफिट की तुलना कैसे होगी? यही तुलना करने के लिए कुछ PPF-NPS कैलकुलेशन, एवरेज रिटर्न और अन्य प्वाइंट्स पर नज़र डालते हैं।
एनपीएस बनाम पीपीएफः एनपीएस में मिनिमम वार्षिक निवेश 6,000 रुपये है, जबकि निवेश की कोई अपर लिमिट नहीं है। वहीं पीपीएफ एकाउंट के लिए मिनिमम वार्षिक इन्वेस्टमेंट 500 रुपये है और एक साल में आप मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये इन्वेस्ट कर सकते हैं।
मान लें कि कोई व्यक्ति 30 वर्ष की एज में PPF में इन्वेस्ट करना शुरू करता है और 60 वर्ष की एज तक ऐसा करना जारी रखता है, यानी 30 वर्ष के पीरियड के लिए (15 वर्ष मिनिमम लॉक इन प्लस 5 वर्ष के 3 ब्लॉक एक्सटेंशन) या 360 महीने, तो 12,500 रुपये का मंथली इन्वेस्टमेंट या 7.1% की इंटरेस्ट रेट के साथ 1.5 लाख रुपये का वार्षिक सेविंग 1.5 करोड़ रुपये से अधिक का फंड होगा।
NPS में चार एसेट क्लास हैं - एसेट क्लास E- इक्विटी और संबंधित इंस्ट्रूमेंट, एसेट क्लास C - कॉर्पोरेट लोन और संबंधित इंस्ट्रूमेंट, एसेट क्लास G - सरकारी बॉन्ड और संबंधित इंस्ट्रूमेंट और एसेट क्लास A - वैकल्पिक निवेश फंड, जिसमें CMBS, MBS, REITS, AIF, इन्वेस्टमेंट जैसे इंस्ट्रूमेंट शामिल हैं। FinFix Research के मुताबिक स्कीम A से एवरेज रिटर्न 7.55%, स्कीम G के लिए 7.74%, स्कीम E के लिए 15.56% और स्कीम C के लिए यह 7.56% है।
फिनफिक्स रिसर्च के अनुसार 12,500/- रुपये मंथली इन्वेस्टमेंट या 1.5 लाख रुपये के ईयरली इन्वेस्ट के साथ 30 साल के पीरियड में आपको स्कीम A, स्G और स्कीम C से 1.7 करोड़ से अधिक का फंड मिलेगा। यदि आप रिस्क से नहीं डरते हैं और स्कीम E में इन्वेस्ट करते हैं, तो 15.56% के एवरेज रिटर्न पर 9.9 करोड़ रुपये से अधिक मिलेंगे। ये कैलकुलेशन 7 साल पीरियड के एवरेज रिटर्न पर बेस्ड हैं।
पीपीएफ में ईयरली इन्वेस्ट मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये धारा 80C के तहत टैक्स फ्री है। इसके अलावा PPF एक EEE प्रोडक्ट है, मतलब ब्याज और मेच्योरिटी इनकम पूरी तरह से टैक्स फ्री है। NPS में 2 लाख (1.5 लाख + 50,000 रुपये) तक टैक्स छूट है। मैच्योरिटी टाइम कुल कॉर्पस का 60% टैक्स फ्री है, ईयरली इन्वेस्ट किया गया शेष 40% पैसा भी टैक्स फ्री है, लेकिन इससे हुई इनकम आपके टैक्स स्लैब के आधार पर टैक्स योग्य है।
एनपीएस और पीपीएफ दोनों में लिक्विडिटी कम है क्योंकि दोनों में ही लंबी लॉक-इन पीरियड होता है। जबकि PPF अपनी सॉवरेन गारंटी के साथ रिस्क-फ्री ऑप्शन है, NPS रिस्क आपके द्वारा चुनी गई स्कीम पर निर्भर करता है, इक्विटी ऑप्शन में जो रिस्क अधिक होता है।
18 से 70 वर्ष की आयु का कोई भी भारतीय NPS एकाउंट खोल सकता है, जबकि 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी नागरिक PPF एकाउंट खोल सकता है। हालांकि NRI NPS एकाउंट खोल सकते हैं, लेकिन वे PPF का ऑप्शन नहीं चुन सकते। NPS में आप निवेश पोर्टफोलियो चुन सकते हैं। PPF में इन्वेस्टमेंट का ऐसा फ्रीडम मौजूद नहीं है।
PPF और NPS के बीच अंतर को देखते हुए, दोनों ही रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए आकर्षक सुविधाएं देते हैं। फिनफिक्स रिसर्च के अनुसार स्कीम A, G, C व E के 7 साल के रिटर्न को देखने पर PPF थोड़ा बेहतर दिखेगा, क्योंकि इसमें 40% कॉर्पस को एन्युटी प्लान में निवेश करने का कोई जरूरी रूल नहीं है। रिस्क वाली स्कीम E को चुनने वालों के लिए 10-15% के बीच का एवरेज रिटर्न NPS को बेहतर इन्वेस्टमेंट ऑप्शन बना देगा।
फाईनेंसियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि NPS और PPF के बीच चुनाव व्यक्ति की प्राथमिकताओं, जरूरतों और सुविधा पर निर्भर करता है। पीपीएफ उन लोगों के लिए आदर्श है जो रिस्क से बचना चाहते हैं, जबकि एनपीएस उन लोगों को पसंद आ सकता है जो संभावित रूप से हाई रिटर्न के लिए हाई रिस्क उठाने को तैयार होते हैं।