डिग्रियों के धुरंधर अमित निरंजन हुए पदमश्री के लिए नॉमिनेट, 8 बार MA, 7 बार UGC NET-दूसरी बार करने जा रहे PHD

By rohan salodkar  |  First Published Aug 7, 2023, 5:16 PM IST

दुनिया में हर किसी का कोई न कोई पैशन होता है,किसी को ट्रैवलिंग करना पसंद होता है,किसी को  म्यूज़िक और डांस लेकिन कानपुर के अमित निरंजन को पढाई का जूनून है,ऐसा जूनून जो वो अपने रिकॉर्ड खुद तोड़ते जा रहे हैं।अमित ने सात मरतबा नेट क्वालीफाई किया,आठ मरतबा मास्टर्स किया,दूसरी बार पीएचडी कर रहे हैं। उनकी इतनी डिग्रियों को देख कर उत्तर  प्रदेश सरकार ने पदमश्री के लिए उन्हें नॉमिनेट किया है।

कानपुर.  अमित निरंजन ने सात विषयों में यूजीसी नेट क्वालीफाई किया, 8 विषयों में मास्टर्स किया है और अब दोबारा पीएचडी करने जा रहे हैं। अमित पढ़ाई को लेकर इतने जुनूनी है कि वह रिकॉर्ड कायम करते जा रहे हैं। 12 जनवरी 2021 को इंडिया बुक का रिकॉर्ड और 2 फरवरी 2022 को वर्ल्ड ऑफ रिकॉर्ड में अमित ने अपना नाम दर्ज कराया है। अब अमित का नाम उत्तर प्रदेश सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार के लिए नामित किया है।माय नेशन हिंदी से अमित ने अपने विचार साझा किये।

कौन हैं कानपुर के अमित निरंजन
अमित निरंजन कानपुर के किदवई नगर में रहते हैं उनके पिता आर एन निरंजन यूपी हैंडलूम में मैनेजर थे। कोविड की दूसरी लहर में उनके पिता को दिल का दौरा पड़ा और 22 फरवरी 2022 को देहांत हो गया। पिता की मौत के बाद अमित टूट गए थे उनके अंदर पढ़ने का जज्बा खत्म हो रहा था,राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय बच्चों के लिए काउंसलिंग सेशन छूट गए थे। लेकिन तब उनकी मां ने उन्हें समझाया। पिता की मौत के बाद अमित सदमे में चले गए थे।  रिकवर होने में 6 से 7 महीने लग गए थे और फिर दिसंबर 2022 में उन्होंने सातवां यूजीसी नेट क्वालीफाई किया।

नौकरी में नहीं लगा दिल
अमित  कहते हैं 2012 में मैनेजमेंट में नेट क्वालीफाई करने के बाद साल 2013 में  इलाहाबाद बैंक मैं नौकरी किया था, दस से पांच की नौकरी में पैसा तो था लेकिन मैं पढ़ाई नहीं कर पा रहा था। मैं ऑथर बनना चाहता हूँ, दुनिया भर के ऑथर्स को अपने साथ जोड़ना चाहता हूं। नौकरी करके किताबें छूट रही थी। जिन बच्चों की मैं काउंसलिंग कर रहा था उनके सेशन छूट रहे थे, इसलिए नौकरी छोड़ दिया। 



 

सात विषयों में नेट किया  है अमित ने
अमित ने जून 2010 में कॉमर्स जेआरएफ किया, दिसंबर 2010 में इकोनॉमिक्स, दिसंबर 2012 में मैनेजमेंट, दिसंबर 2015 में एजुकेशन, दिसंबर 2019 में पॉलिटिकल साइंस, दिसंबर 2020 में सोशलॉजी, दिसंबर 2022 में एडल्ट एजुकेशन। 

8 सब्जेक्ट में अमित ने किया मास्टर्स
एम कॉम, एम.ए इकोनॉमिक्स जिसमें अमित को गोल्ड मेडल मिला था, एम.ए एजुकेशन, एम.ए समाजशास्त्र, एम.ए पॉलिटिकल साइंस, एम.ए दर्शनशास्त्र, एम.बी.ए एचआर एंड मार्केटिंग, एमफिल कॉमर्स में गोल्ड मेडल हासिल किया, इसके अलावा अमित ने बीएड और एलएलबी भी किया है।

स्कॉलरशिप से आसान हुई पढ़ाई की राह
इतनी पढ़ाई के खर्च को कैसे मैनेज करते हैं, इस सवाल पर अमित ने बताया कि कानपुर यूनिवर्सिटी में एमफिल की पढ़ाई के दौरान मुझे स्कॉलरशिप मिली थी B.Ed के लिए भी स्कॉलरशिप मिली जेआरएफ के बाद रिसर्च के लिए हर महीने पैंतीस हज़ारे मिलने लगा। 2 साल बाद एसआरएफ प्रमोशन हुआ तो हर महीने पैंतालीस हज़ार मिलने लगा इसलिए पढ़ाई को लेकर कभी परेशानी नहीं हुई। अमित ने आरबीआई एसएससी केवीएस आईएएस आईबीपीएस जैसी प्रतियोगी परीक्षाएं भी क्वालीफाई किया है।  इस वक्त अमित इकोनॉमिक्स में दूसरी पीएचडी कर रहे हैं।

स्कूल को बनाना चाहते हैं हैप्पी प्लेस
अमित कहते हैं मैं हिंदुस्तान में एजुकेशन रिफॉर्म लाना चाहता हूं।  इसके लिए मैं टीचर ट्रेनिंग पर काम कर रहा हूं। अमित ने अब तक दो लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स की काउंसलिंग की है।  पच्चीस हजार से ज्यादा टीचर्स को प्रशिक्षण दिया है। अमित उन गरीब बच्चों को फ्री में कॉपी किताब बैग बांटते हैं जो खरीदने में असमर्थ हैं। आमतौर पर आपने देखा होगा कि बच्चे स्कूल जाने में बहुत आनाकानी करते हैं ऐसे ही बच्चों के लिए स्कूल को वह हैप्पी प्लेस बनाना चाहते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे स्कूल पहुंचे। इसके साथ-साथ वह करियर काउंसलिंग का काम भी कर रहे हैं। ऑफलाइन और ऑनलाइन मीडियम से अमित टूडेंट को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के बारे में बताते हैं साथ ही एसएससी सिविल बैंक की परीक्षाओं की फ्री काउंसलिंग करते हैं। 

ये भी पढ़े 

4500 तनख्वाह, 965 लोगों का गाँव, और शामिल हो गईं Forbes की सबसे ताकतवर महिलाओं में...

click me!