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धरा को सैल्यूटः बेटा जन्‍मा, कोमा में गईं-बच्चेदानी निकालनी पड़ी, हाथ-पैर कटे, अब हैं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर

Rajkumar Upadhyaya |  
Published : Jul 27, 2023, 06:10 PM ISTUpdated : Jul 27, 2023, 06:29 PM IST
धरा को सैल्यूटः बेटा जन्‍मा, कोमा में गईं-बच्चेदानी निकालनी पड़ी, हाथ-पैर कटे, अब हैं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर

सार

गुजरात की रहने वाली धरा की शादी यूएस में रहने वाले सिद्धार्थ से 2013 में हुई। 4 साल बाद बेटा हुआ। डिलीवरी के बाद कोमा में चली गईं। हाथ पैर काटने पड़े। बेटा भी नहीं रहा। फिर भी धरा एक नॉर्म लाइफ जी रही हैं। पढ़िए धरा की इंस्पिरेशनल स्टोरी।

भावनगर। दुनिया में लाखों लोग अक्सर छोटी-छोटी बातों पर निराश होकर अपना जीवन तक गंवा देते हैं। इसके उलट बेइंतहा शारीरिक-मानसिक परेशानियों के बीच धरा एक नॉर्मल लाइफ जी रही हैं। एक सामान्य गुजराती परिवार की धरा पहले आम लोगों की तरह ही अपना जीवन इंज्वाय कर रही थीं। हर मॉं की तरह उन्होंने भी प्रेग्नेंसी के 9 महीने आने वाले बच्चे की एक किलकारी सुनने के लिए गुजार दिएं। पर डिलीवरी के दौरान ऐसा कुछ हुआ कि उनके जीवन ने एक नया मोड़ ले लिया। यह कहानी 'रील लाइफ' की नहीं बल्कि धरा के 'रियल लाइफ' की कहानी है, जीवन के संघर्षों से हार चुके लोगों को यह कहानी ढाढ़स बंधाती है।

कौन हैं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर धरा?

गुजरात के भावनगर की रहने वाली धरा की ग्रेजुएशन के बाद US में रहने वाले सिद्धार्थ से साल 2013 में धूमधाम से शादी हुई। शादी के कुछ महीनों बाद ही वह भी US चली गईं। शादी के करीबन 4 साल बाद साल 2018 में प्रेग्नेंट हुई। तब तक उनके जीवन में हर तरफ खुशियां ही खुशियां थीं। वह अपनी लाइफ इंज्वाय कर रही थीं। वह पल भी आया, जब परिवार के नये सदस्य की दुनिया में इंट्री होनी थी। तब तक किसी को दूर दूर तक इस बात का अंदाजा नहीं था कि आने वाला समय ऐसे हालात पैदा कर देगा कि पूरे परिवार की जिंदगी बदल जाएगी।

 

धरा के साथ हुई क्या ट्रजेडी?

धरा ने आने वाले बच्चे का ग्रैंड वेलकम करने की तैयार भी कर ली थी। डिलीवरी के समय वह मेकअप का ढेर सारा सामान पर्स में रखकर हास्पिटल गई थीं। बच्चे के जन्म के बाद एक सुंदर सी सेल्फी भेजकर रिश्तेदारों को खुशशबरी सुनाने का प्लान था। पर उनकी सारी योजना धरी की धरी रह गई। बच्चे के जन्म के लिए सर्जरी करनी पड़ी और उसी सर्जरी के बार धरा शाह जीवन और मौत के बीच झूलने लगीं। हालात इतने​ बिगड़ गए कि डॉक्टर को उनकी यूट्रस और ओवरी तक निकालनी पड़ी। अब वह दोबारा मॉं नहीं बन सकती थीं। इतना ही नहीं डिलीवरी हुए कुछ देर ही बीता था कि धरा कोमा में चली गई।

धरा के दोनों पैर और हाथ क्यों काटने पड़ें?

धरा के कोमा में जाने के बाद परिवार में कोहराम मच गया। उनकी परेशानियां यहीं नहीं खत्म हुईं। कोमा के दरम्यान उनके हाथ और पैर में गैंगरीन होने लगा। इस बीमारी में आक्सीजन और खून का प्रवाह रूकने की वजह से शरीर के प्रभावित हिस्से सड़ने लगते हैं। उनके दोनों पैर और हाथ काटने पड़ें। धरा के पति सिद्धार्थ नियति की यह क्रूरता देखकर हैरान थे। धरा वेंटीलेटर पर थीं और डॉक्टरों ने भी बताया कि धरा का जीवन बचने की गुंजाइश कम है। 

 

धरा ने बेटे माहिर को 4 महीने बाद किया टच

बहरहाल, आपरेशन के 6 दिन बाद जब धरा की चेतना लौटी तो पता चला कि अब उनके दोनों पैर और हाथ नही है। वह पल अंदर से झकझोरने वाला था। लगभग 3 से 4 महीने अस्पताल में एडमिट रहीं। असहनीय कष्ट झेलने के बाद जब वह घर आईं तो परिवार ने उनका जोरदार स्वागत किया। तभी जन्म के बाद उन्होंने अपने बेटे माहिर को पहली बार छूआ। 

10 महीने बाद बेटे माहिर ने बंद कर लीं आंखें

हास्पिटल से घर आने के बाद पहली बार खुद को आईने में देखने का अनुभव भी उनके लिए काफी शॉकिंग रहा। वह खुद ही अपनी हालत आईने में नहीं देख पा रहीं थी। पति सिद्धार्थ से दूसरी शादी करने की बात कही तो उन्होंने इंकार कर दिया। बेटे को देखकर उन्हें संतोष होता था। पर एक दिन जब उनके पति सिद्धार्थ ने बताया कि बेटे को एक खास बीमारी है, जिसे जेनेटिक डिसआर्डर कहते हैं तो यह सुनकर धरा के पैरों तले की जमीन खिसक गई। जन्म के 10 महीने बाद बेटे माहिर ने भी हमेशा के लिए आंखें बंद कर लीं।

 

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर धरा की इंस्पिरेशनल स्टोरी 

धरा के जीवन में इतना कुछ गुजरने के बाद जब वह अपने मायके गुजरात गईं तो परिवार वालों ने उनका दुख साझा किया पर गांव के लोगों ने ताने मारें। पर धरा को पति और ससुराल वालों का साथ मिला और वह अपना जीवन जी रही हैं। वह सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर (Dhara’s Wonder Life) हैं। आज वह अपना काम खुद करती हैं। खाना बना लेती हैं और संघर्षों के बाद भी अपनी लाइफ इंज्वाय कर रही हैं। धरा कहती हैं कि लाइफ में बहुत खुश हूॅं। आपके सामने जो परिस्थिति आए, उससे लड़ो। हार मत मानों, अगर आपने हार मान ली तो आप कभी भी नहीं लड़ पाओगे। 

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