कानपुर। ChatGPT के फाउंडर सैम ऑल्टमैन (Sam Altman) ने आर्टिफिशय़ल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) के डेवलपमेंट पर कहा था कि भारतीय कंपनियां सिलिकॉन वैली के अपने काउंटरपार्ट्स (समकक्षों) के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकती। कानपुर के तुषार त्रिवेदी को यही बात चुभ गई। वह पहले से AI चैटबॉट के डेवलपमेंट पर काम कर रहे थे। पर ऑल्टमैन ने जिस तरह भारतीय कम्पनियों को कमतर आंका था। वह उन्हें अच्छा नहीं लगा और वह दोगुनी जोश के साथ अपने काम में जुट गए। वर्तमान में स्वदेशी AI चैटबॉट Recag टेस्टिंग के फेज से गुजर रहा है। तुषार कहते हैं कि साल 2024 की शुरुआत में यह बाजार में होगा और लोग इसका उपयोग कर सकते हैं। 

ChatGPT से बेहतर AI साबित होगा Recag

AI चैटबॉट Recag, ChatGPT से बेहतर काम करेगा। तुषार कहते हैं कि ये चैटबॉट खुद कोड जेनरेट कर सकता है। बच्चों की पढ़ाई में मदद करेगा। ChatGPT का एक मॉडल इमेज जेनरेट करता है और दूसरा लोगों की क्वेरी के जवाब देता है। हमारा एक ही मॉडल वायस असिस्टेंट के जरिए दोनो काम करेगा। यदि उससे गवर्नमेंट की किसी स्कीम के बारे में पूछेंगे तो वह तुरंत सामने लाएगा। स्टार्टअप, एमएसएमई और ओडीओपी से जुड़े सवालों के भी जवाब देगा।

ChatGPT से क्यों बेहतर होगा Recag?

तुषार कहते हैं कि हमारे देश की भौगोलिक स्थिति यूरोपीय देशों से अलग है। हर किसी के सवाल एक जैसे नहीं हो सकते हैं। विविधताओं से भरे हमारे देश में सबको अलग अलग चीजों के सॉल्यूशन चाहिए होते हैं। Recag उसमें उनकी मदद करेगा। अभी हम इसे अंग्रेजी भाषा में ला रहे हैं, जो टेस्टिंग फेज से गुजर रहा है। उसके बाद हम इसे हिंदी भाषा में भी लाएंगे। यह देश का पहला आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का साफ्टवेयर होगा, जो पूरे देश को जोड़ेगा। उन्हें जानकारी उपलब्ध कराएगा। इसमें हमने हर एक कम्यूनिटी के लिए काम किया है। यह मॉडल सेंटीमेंटल एनालिसिस भी कर सकता है।

क्या है ChatGPT?

ChatGPT (चैटजीपीटी) एक डीप मशीन लर्निंग बेस्ड चैट बॉट है। इसे चैट जेनरेटिव प्रीट्रेंड ट्रांसफॉर्मर (Chat Generative Pretrained Transformer) कहते हैं। इसे ओपन एआई (Open AI) ने विकसित किया है। यह यूजर के पूछे गए सवाल को समझ कर जवाब उनके सामने रख देता है।

ChatGPT फाउंडर से महिंद्रा ने क्या पूछा था?

दरअसल, भारत दौरे पर आए ChatGPT फाउंडर ऑल्टमैन से भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के पूर्व Google उपाध्यक्ष राजन आनंदन ने ChatGPT को लेकर एक सवाल किया था। उन्होंने पूछा था कि क्या भारत चैटजीपीटी जैसे आर्टिफिशय़ल इंटेलीजेंस डिवाइस बना सकता है? क्या देश की एक टीम को इसे बनाना शुरु करना चाहिए? ऑल्टमैन ने इसे निराशाजनक बताते हुए कहा था कि कोशिश करना आपका काम है। 

कौन हैं तुषार त्रिवेदी?

कानपुर के रहने वाले तुषार त्रिवेदी की शुरुआती पढ़ाई कानपुर से ही हुई। कुछ दिनों तक उन्होंने राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज देहरादून में भी पढ़ाई की। कानपुर स्थित एयरफोर्स स्कूल से 12वीं पास करने के बाद एचबीटीआई में बीटेक के लिए दाखिला लिया। पढ़ाई के दौरान ही एनसीसी के जरिए इंडियन यूथ एम्बेसडर चयनित हुए। कुछ दिनों तक अंडमान निकोबार और फिर श्रीलंका रहें। वापस देश लौटे तो 'भारत टेक' स्टार्टअप की शुरुआत कर दी। 

75 लोगों की टीम करती है काम

तुषार ने स्टार्टअप को चलाने के लिए नौकरियां भी की। वह कहते हैं कि महीने भर पहले उन्होंने अपनी जॉब तब छोड़ी, जब उनका मॉडल बनकर खड़ा हो गया। उनके पिता फोटो कॉपी की शॉप चलाते हैं। उनकी कम्पनी में इस समय 75 लोगों की टीम काम कर रही है। काम करने वाले बच्चों को स्टाइपेंड मिलता है।