24 साल की उम्र में विधवा हुई, प्रेगनेंसी में मार खाई, आज देश की बड़ी कंपनी में सीनियर एचआर मैनेजर हैं

By Kavish Aziz  |  First Published Dec 9, 2023, 8:15 PM IST

शादी से पहले सपना की जिंदगी परियों जैसी थी मनपसंद नौकरी किया।  मनपसंद लड़के से शादी किया भाई बहनों का मां-बाप का खूब दुलार प्यार पाया। लेकिन सपना की स्मत को नजर लग गई 24 साल की उम्र में पति खो  दिया, 28 साल की उम्र में दूसरी शादी किया जो उनके लिए जिंदगी का सबसे गलत फैसला साबित हुआ। 

उत्तराखंड की सपना तमता 24 साल में विधवा हो गई। दूसरी शादी हुई तो डोमेस्टिक टॉर्चर सहा, घिनौने आरोप बर्दाश्त किये, प्रेगनेंसी में मार खाई। लेकिन हिम्मत करके एक दिन इस दलदल से निकल पड़ी। आज सपना एक बहुत ही अच्छी कंपनी में सीनियर एचआर मैनेजर का काम कर रही है। और अपने बच्चे  की परवरिश सिंगल पैरंट के तौर पर कर रही है।

कौन है सपना तमता

सपना उत्तराखंड की रहने वाली हैं।  साल 2006 में 12th पास किया और दिल्ली एयर होस्टेस अकादमी से एयर होस्टेस का कोर्स किया। इसी दौरान सपना ने अपना ग्रेजुएशन भी कंप्लीट किया। 2013 में सपना ने घर वालों की मर्ज़ी से लव मैरिज कर लिया। सब कुछ अच्छा चल रहा था लेकिन तभी सपना की जिंदगी में एक ऐसा भूचाल आया जिसमें उनका सब कुछ बर्बाद हो गया।

पति की मौत

सपना कहती है मेरी बहन की शादी थी, मुझे यूके सेटल होना था हस्बैंड के साथ।  मैंने सोचा यूके जाने से पहले क्यों ना पूरी फैमिली के साथ थोड़ा वक्त गुजार लूं। हमारी पूरी फैमिली पिथौरागढ़ में सिस्टर की शादी इंजॉय कर रही थी उसी वक्त स्नोफॉल हुआ था।  मैं भी हस्बैंड के साथ स्नोफॉल का मजा लेने गई थी लेकिन तभी कार एक्सीडेंट में पति और फुफेरे भाई की मौत हो गई। 24 साल की उम्र में मैं विधवा हो गई

फिर अपने पैरों पर खड़ी हुई सपना

2017 में सपना को गुड़गांव में सीनियर रिक्रूटमेंट मैनेजर की जॉब मिल गई और यहीं पर उनकी मुलाकात हुई उनके दूसरे हस्बैंड से। उनके दूसरे हस्बैंड भी डिवोर्सी थे। 1 महीने तक जिंदगी बहुत अच्छी चली।  ऐसा लग रहा था भगवान ने खोई खुशियां वापस कर दीं लेकिन तभी सपना की सास यूएस से वापस आ गई। सपना की जिंदगी फिर से एक दलदल में फंस गई।

सास ने लगाया इल्जाम

सपना कहती हैं मेरी सास मुझे मंदिर नहीं जाने देती थी। उनके अंदर छुआछूत की भावना थी इसलिए मुझे घर का कोई भी सामान छूने नहीं देती थी। दिन भर नौकरी करके जब घर आई थी तो एक नौकर की तरह पूरे घर का काम करवाया जाता था। आराम मेरी जिंदगी से छूमंतर हो चुका था। बात यहीं तक नहीं रुकी मेरी सास ने मुझ पर ससुर के साथ संबंध होने का इल्जाम लगा दिया। मुझे बच्चा कंसीव नहीं हो रहा था तो मुझ पर बांझ होने का इल्जाम लगा। मैं सब कुछ बर्दाश्त कर रही थी।  अपने मायके वालों को भी कुछ नहीं बताया सिर्फ यह सोचकर की घरवाले परेशान होंगे और मुझे अपनी दूसरी शादी बचानी भी थी, लेकिन एक दिन मेरी सास ने मेरी मां को फोन करके मेरी शिकायत की। 

सोने नहीं दिया जाता था

सपना रहती है मेरे मां-बाप से शिकायत किया मेरे ससुर ने कि मैं उनकी अंडरवियर नहीं धोती, मां ने मुझसे जब एक-एक बात पूछी तो मैंने अपने दिल का हाल मां को बताया, चूंकि मुझे जान से मारने की धमकी भी मिलती थी इसलिए हमें खामोश थी। फिर एक दिन मम्मी पापा गुड़गांव आ गया मेरी हालत देखकर उन्होंने मेरे पति से गाजियाबाद शिफ्ट होने के लिए कहा। हम गाजियाबाद टू शिफ्ट हो गए लेकिन फोन पर मुझे टॉर्चर किया जाने लगा। 

और फिर सपना हुईं प्रेग्नेंट

साल 2020 जनवरी में सपना को पता चला कि वह प्रेग्नेंट है। होने लगा बच्चों को देखकर दादा-दादी को खुशी होगी और हालात बदल जाएंगे, लेकिन यह खबर सुनकर मेरे किरदार पर उंगली उठाई गई और कहा गया कि यह बच्चा किसी और का है। डॉक्टर ने मुझे बेड रेस्ट कहा जिसे लेकर मुझे सास ससुर टॉर्चर करने लगे और मैं गुस्से में घर का काम करना शुरू कर दिया।

कोविड ने दिया मेंटल ट्रॉमा

सपना रहती है प्रेगनेंसी के दौर में लॉकडाउन की घोषणा हुई और मेरे खाने पीने से लेकर हर चीज पर बंदिश लगा दी गई।  पति 24 घंटे घर पर रहते थे। मैं अपने भाइयों से बात करती तो भाइयों से मेरा नाम जोड़ दिया जाता था हालत बत्तर होते चले गए और मैं खुदकुशी करने के लिए अपना मन बना लिया। सातवें महीने में डॉक्टर ने खून की कमी बताया, और अनार खाने को कहा, ससुर अनार लेकर आए लेकिन थाना देते हुए कहा राजा की बहू हो ₹900 का अनार खा रही हो। इस बात को लेकर झगड़ा शुरू हुआ और पति ने मुझे प्रेगनेंसी की हालत में कमर पर मारा और घर से निकाल दिया। प्रीमेच्योर डिलीवरी हुई जिसमें बेटा पैदा हुआ। डिलीवरी के बाद पति जबरदस्ती संबंध बनाने लगा। 

3 महीने बाद घर आ गई

बच्चा पैदा होने के 3 महीने बाद सपना अपने घर आ गईं और यह तय कर किया कि अब वह वापस नहीं जाएंगी। सपना के मां-बाप ने उनके परिवार ने साथ दिया समाज ने तो ताने दिए लेकिन सपना रहती हैं मैं सशक्त हो चुकी थी, इस लायक थी कि अपना बच्चा पल सकूं। इस दौरान में एक एनजीओ से जुड़ गई जहां मेरे जैसे तमाम लोग मुझे मिले और तब मुझे एहसास हुआ कि मैं किस्मत वाली हूं कि मुझे सपोर्ट करने वाले मां-बाप मिले हैं। आज मैं छोटे-छोटे अनाथ बच्चों को पढ़ाती  हूं और साथ में सीनियर एचआर मैनेजर की नौकरी भी करती हूं। गलत शादी से बाहर निकलने में शर्म नहीं आनी चाहिए यह मैं हर लड़की से कहना चाहती हूं।

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