RBSE 12th Result 2024: राजस्थान बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे जारी हो चुके हैं। 8,50,000 से ज्यादा स्टूडेंट्स एग्जाम में शामिल हुए। 96 फीसदी से ज्यादा बच्चे पास हुए हैं। साइंस स्ट्रीम में खैरथल की प्राची सोनी ने 500 में से 500 अंक हासिल किए हैं।
RBSE 12th Result 2024: राजस्थान बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे जारी हो चुके हैं। 8,50,000 से ज्यादा स्टूडेंट्स एग्जाम में शामिल हुए। 96 फीसदी से ज्यादा बच्चे पास हुए हैं। साइंस स्ट्रीम में खैरथल की प्राची सोनी ने 500 में से 500 अंक हासिल किए हैं। उन्हें सभी पांच विषयों में 100 में 100 नंबर मिले हैं। ऐसे बच्चों के बीच एक स्टूडेंट ऐसी भी है, जिसने 100 फीसदी अंक तो नहीं पाए हैं। पर विपरीत स्थितियों में परीक्षा देकर फाइनल रिजल्ट में अच्छा मुकाम हासिल किया है। हम बात कर रहे हैं भीलवाड़ा की हमीरगढ़ निवासी लक्ष्मी अहीर की।
22 फरवरी को पिता का मर्डर, 23 को एग्जाम
जिन परिस्थितियों में लक्ष्मी अहीर ने एग्जाम दिया। आप सोच भी नहीं सकते। 23 फरवरी को अंग्रेजी विषय का एग्जाम था और 22 फरवरी को उनके पिता को जमीनी विवाद में पीट—पीट कर हत्या कर दी गई थी। परिवार के सामने ही वारदात को अंजाम दिया गया। ऐसी दुखद स्थिति के बावजूद लक्ष्मी ने अगले दिन अंग्रेजी विषय का एग्जाम दिया। हालांकि वह एग्जाम देने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी। पर मां ने बेटी को पिता का सपना पूरा करने के लिए एग्जाम देने के लिए प्रेरित किया और उसके बाद लक्ष्मी ने एक—एक कर सभी पेपर दिए।
पिता का सपना पूरा करने में जुट गई लक्ष्मी
मां से प्रेरित होकर बेटी ने भी पिता का सपना पूरा करने के लिए जोर लगा दिया और पूरे मनोयोग से परीक्षा की तैयारी में जुट गई। सोमवार को राजस्थान बोर्ड के नतीजों को देखने के बाद पूरा गांव सरप्राइज हो गया। किसी को भरोसा नहीं हो रहा था कि लक्ष्मी अहीर ने 91 फीसदी अंक हासिल किए हैं। उनका कहना है कि पिता का सपना अपनी बेटी को बड़े ओहदे पर देखने का था। उनके सपने को पूरा करने के लिए अब यूपीएससी की तैयारी में लग गई हूॅं। लक्ष्मी की मॉं सोनी बाई कहती हैं कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है। उसने परिवार का मान बढ़ाया है।
रिजल्ट वाले दिन टीचर का निधन
लक्ष्मी के साथ घटी एक और घटना सुनकर आप सरप्राइज हो जाएंगे। दरअसल, रिजल्ट आने के बाद बाद लक्ष्मी अपने टीचर डॉ. रमेश यादव के घर पहुंची तो वहां भी उसे दुखद समाचार मिला। पता चला कि डॉ. साहब का रिजल्ट वाले दिन ही देहांत हो गया। इसकी वजह से लक्ष्मी के घर में मिठाई नहीं बटी और न ही परीक्षा में अच्छे अंक लाने का जश्न मनाया गया। 2 महीने के अंदर ही लक्ष्मी के दो शुभचिंतक इस दुनिया को अलविदा कह गए।