खुद की पढाई छूटी तो गरीब बच्चो को निशुल्क शिक्षा देने लगे महबूब मलिक

Published : Jul 25, 2023, 02:45 PM ISTUpdated : Jul 25, 2023, 02:53 PM IST
खुद की पढाई छूटी तो गरीब बच्चो को निशुल्क शिक्षा देने लगे महबूब मलिक

सार

महबूब मलिक जो हीरो चाय वाले के नाम से मशहूर हैं, अपनी कमाई का 80 % गरीब बच्चों की शिक्षा में लगा देते हैं।  आर्थिक तंगी की वजह से महबूब अपनी पढाई पूरी नहीं कर पाए थे, इसलिए उन्होंने तय की उन बच्चों को शिक्षा दिलाने का काम करेंगे जो गरीब हैं और आर्थिक तंगी की वजह से शिक्षा वंचित हैं ।

कानपुर . एक छोटी सी कोशिश कभी कभी  हज़ारो लोगों के लिए फायदेमंद साबित होती है. कानपुर के महबूब मलिक ने गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए एक छोटा सा प्रयास किया था और उनके प्रयास से कम से कम 1500 बच्चों को निशुल्क शिक्षा मिल रही है।  

दसवीं के बाद छूट गयी पढाई 

34 साल के महबूब मालिक की कानपुर  के शारदा नगर में चाय की दुकान है, पांच भाइयों में सबसे छोटे महबूब के घर में गरीबी थी, परिवार बड़ा था, कमाने वाले सिर्फ उनके पिता, तंग हाली ने दसवीं के बाद पढाई छुड़ा दी।  कुछ समय के बाद महबूब ने चाय की दुकान खोल दी।  

गरीब बच्चो को देख कर याद आता  है बचपन 
माय नेशन से बात करते हुए महबूब ने कहा की जब मैं सुबह चाय की दुकान पर बैठता था तो देखता था कुछ बच्चे बढ़िया साफ़ सुथरे यूनिफार्म में स्कूल जा रहे हैं लेकिन कुछ बच्चे सड़क पर कचरा बीनते थे, इन बच्चों को देख कर मुझे अपना बचपन याद आता था, इसलिए तय किया की इन बच्चो को पढ़ाऊंगा। 

दुकान पर शुरू किया पढ़ाना
महबूब ने गरीब बच्चों को अपनी दुकान पर पढ़ाना  शुरू किया, धीरे धीरे इन बच्चों की संख्या बढ़ती चली गयी, 2017  में कुछ पैसा इकठ्ठा कर के इन बच्चों के लिए शारदा नगर गुरुदेव टाकीज़ के पास मलिन बस्ती में कोचिंग सेंटर खोला, यहाँ बच्चों को मुफ्त में पढ़ाया जाता था। 

दोस्त की राय से बनाया एनजीओ 
महबूब के दोस्त नीलेश को जब उनके कॉचिंग सेंटर के बारे पता चला तो उन्होंने एनजीओ बनाने की राय दी, जिसके बाद महबूब ने' मा तुझे सलाम फॉउण्डेशन ' के नाम से एनजीओ बनाया, धीरे धीरे महबूब के पास 50  बच्चे इकठ्ठा हो गए।  

माउथ टू माउथ पब्लिसिटी 
महबूब के निशुल्क शिक्षा केंद्र की चर्चा धीरे धीरे फैलने लगी , गरीब घर के माँ बाप के लिए ये एक उम्मीद की किरण थी लिहाज़ा उन्होंने अपने बच्चो को महबूब के पास भेजना शुरू किया, कोचिंग सेंटर का किराया करीब दस हज़ार, बच्चों की स्टेशनरी पर हज़ारों का खर्च था जो महबूब अपनी चाय की दुकान से निकालते थे, बल्कि अपनी इनकम का 80 % महबूब इन बच्चों पर खर्च कर देते हैं 

हज़ार से ज़्यादा बच्चों को निशुल्क शिक्षा 
महबूब के एनजीओ के ज़रिये अब 1500  बच्चे निशुल्क शिक्षा हासिल कर रहे हैं, 12 शिक्षक मिलकर दो प्राइमरी स्कूल चला रहे हैं, महबूब के स्कूल के पढ़ाए  हुए बच्चे आज दसवीं और बारहवीं में टॉप कर रहे हैं।   
 

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