लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव परिणामों से बहुत से दिलचस्प तथ्य सामने आ रहे हैं। इन परिणामों से पता चलता है कि कैसे बीजेपी ने पूर्वी भारत में अपना नया जनाधार तैयार किया है।
नई दिल्ली: साल 2019 के लोकसभा चुनाव ऐतिहासिक हैं। क्योंकि इस बार के चुनाव ने यह साबित कर दिया है कि बीजेपी सिर्फ उत्तर भारत के ब्राह्मणों और बनियों की पार्टी नहीं रह गई है।
पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने अपने अखिल भारतीय स्वरुप का विस्तार किया है। बीजेपी का प्रदर्शन अब त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, पश्चिम बंगाल, ओडिशा जैसे पूर्वी भारत के इलाकों में भी सुधर गया है।
पूर्वोत्तर के कई छोटे छोटे राज्यों में बीजेपी ने विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया है। वहीं पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को कड़ी टक्कर दी है। पूरे सात चरणों के चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल को हिंसक राजनीतिक झड़पों से गुजरना पड़ा। लेकिन बीजेपी यहां से अपनी संख्या दो नंबरों में(18) करने में कामयाब रही।
वहीं ओडिशा में भी बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए 9 सीटों पर कब्जा जमा लिया। यह पिछली बार की एक सीट से 9 गुना ज्यादा बड़ी सफलता है।
यह पूर्वी भारत से जीती हुई सीटों का ही असर था कि बीजेपी के उपर उत्तर प्रदेश में सीटें कम होने का असर नहीं दिखा।
सिर्फ ओडिशा और पश्चिम बंगाल ने मिलकर उत्तर प्रदेश में बीजेपी की कम हुई सीटों से ज्यादा लोकसभा सीटें दिलवा दीं। बीजेपी ने ओडिशा में 9 और पश्चिम बंगाल में 18 सीटें जीती हैं।
उत्तर प्रदेश में बीजेपी को 60 सीटें मिली हैं, जो कि पिछली बार से 11 सीटें कम हैं।