चार सबूत: कैसे कांग्रेस ने अगुस्ता वेस्टलैंड के दलाल को बचाने के लिए सारी हदें पार कर दीं

By Anindya Banerjee  |  First Published Dec 6, 2018, 7:23 PM IST

मिशेल प्रत्यर्पण मामले में कांग्रेस की परेशानी को लेकर बीजेपी ने मामले की सुनवाई के लिए तैयार हुई है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रों और सीबीआई दस्तावेजों के साथ भाजपा प्रवक्ता सम्बित पात्रा ने कांग्रेस की सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति सोनिया गांधी के आधिकारिक निवास 10 जनपथ को आरोप लगाए। जबकि कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर राजनीतिकरण का आरोप लगाया है।

जैसे जैसे समय गुजर रहा है वैसे वैसे नए सबूतों के साथ यह भी सामने आ रहा है कि कांग्रेस मिशेल का बचाव कैसे कर रही है। वह उसे बचाने का पूरा प्रयास कर रही है। 
 
अल्जो के जोसेफ
 अल्जो के जोसेफ वह आदमी है जो वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में मिशेल की रक्षा कर रहा है। वह बुधवार की शाम तक भारतीय युवा कांग्रेस के प्रमुख थे। उन्होंने खुले तौर पर इसको लेकर बात की और इस बात को स्वीकार करने के लिए टेलीविजन साक्षात्कार भी दिए। हलांकि भारतीय युवा कांग्रेस ने खबर सामने आने के बाद उन्हें बर्खास्त किया, लेकिन तब तक नुकसान हो चुका था।

बीजेपी नेता सुरेश नाखुआ ने कहा कि कांग्रेस के साथ जोसेफ का यह गठन राहुल गांधी के नेतृत्व में हो रहा है, और पहले की चीजें सोनिया गांधी की अगुवाई में की गई थी। जिससे सभी बिंदुओं को जोड़ा जा सकता है। उन्हें सोशल मीडिया पर अहमद पटेल और कपिल सिब्बल के साथ देखा जाता है। अब मैं यह जानना चाहता हूं कि क्या एपी और फेम (मिशेल की डायरी में उल्लखित)अहमद पटेल और उनका परिवार एक ही हैं? 

विष्णु शंकर 
यदि अल्जो जोसेफ आरोपों के लिए पर्याप्त नहीं हैं तो नए दस्तावेज बताते हैं कि विष्णु शंकर भी भारत अगुस्ता मामले को लेकर मिशेल की कानूनी लड़ाई में उसकी मदद कर रहे थे। विष्णु शंकर केरल के कांग्रेस नेता के पुत्र हैं। एक उच्च प्रभारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अदालत के आदेश को छोड़कर पात्रा ने कहा कि इससे पता चलता है कि इस मामले में कांग्रेस का भी हाथ हैं। दस्तावेजों के मुताबिक सीबीआई आरोपी शा अलजो के जोसेफ और उनके सहयोगी श्री विशु शंकर के लिए एलडी काउंसिल की अनुमति दी गई थी।

श्रीराम परक्कट 
खैर अगर यूसुफ और शंकर कांग्रेस के करीबी हैं, और साथ ही उनका मिशेल को कानूनी कारवाई से बाहर करने के लिए लड़ाई में शामिल होना पर्याप्त नहीं था। यहां एक और कांग्रेस नेता है, श्रीराम पराककट। श्रीराम राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) के सदस्य हैं। वह मिशेल की कानूनी लडाई की टीम का हिस्सा भी हैं। अदालत के आदेश में कहा गया है कि तीनों ही लोग सुबह 10 बजे से सुबह 11 बजे के बीच आरोपी की सहायता करें। 
 
“सिर्फ निलंबन,उन्हें मामला छोड़ने के लिए क्यों नहीं कहा गया” 
यह बीजेपी द्वारा प्रस्तुत एक तर्क के बारे में बात की जा रही है अतीत में भी कांग्रेस ने हमेशा से ही अपने नेताओं को बर्खास्त करने के बजाय विवादास्पद मामलों से पीछे हटने के लिए कहा है। बीजेपी ने दो उदाहरणों का हवाला देते हुए बताया कि, अभिषेक मनु सिंघवी को केरल लॉटरी के मामले को छोड़ने के लिए कहा गया था और वहीं कपिल सिब्बल से राम मंदिर के खिलाफ नहीं लड़ने के लिए कहा गया था। सिब्बल और सिंघवी दोनों पार्टी के प्रमुख चेहरे हैं जो दोनों मामलों के बीच में बोलकर अपनी छवि पर खराब असर डाल सकते थे, लेकिन इस बार कांग्रेस ने उन्हें बर्खास्त करने का फैसला किया और उन्हें मामलें में पडने से इनकार भी नहीं किया। ऐसा क्यों? यदि बीजेपी की बातों पर विश्वास करें तो केस के लड़ना उनकी पार्टी की सदस्यता से अधिक महत्वपूर्ण है। 10 जनपथ चाहता है कि कोई मिशेल की रक्षा के लिए कानूनी टीम में शामिल हो। 
 
यह सब राजनीति धारणा का एक खेल है और कांग्रेस के तीन नेता एक आरोपी का बचाव कर रहें हैं। जो कि अगुस्ता घोटाले का मुख्य आरोपी है। यह सब लोगों के दिमाग गलत धारणा को जन्म देता है। आईवाईसी ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यूसुफ ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता के मुताबिक काम किया, लेकिन विवादित राम मंदिर मुद्दे पर कपिल सिब्बल ने भी ऐसा ही किया था। इसके आगे व्यक्तिगत क्षमता की बात किसी एक नेता के लिए हो सकती है, लेकिन सभी नेताओं के लिए नहीं। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कांग्रेस प्रवक्ता टीवी पर इसका कितना जोरदार बचाव कर रहे हैं, लेकिन धारणा यह है कि कांग्रेस एक से अधिक तरीकों से मिशेल की सहायता कर रही है और हर दिन के साथ उसके प्रयास और भी ज्यादा मजबूत होते जा रहे हैं।  

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