कुछ दिन पहले ही बुरुगुलीकेरा गांव में पत्थलगड़ी आंदोलन से जुड़े लोगों ने एक बैठक की थी। जिसमें कुछ लोगों ने पत्थलगड़ी आंदोलन का विरोध किया था। इसको लेकर दो गुट बन गए थे और आपस में ही भिड़ने लगे थे थे। हालांकि कुछ ने बीच बचाव कर मामले को शांत कर दिया था। हालांकि दिनों गुटों में मारपीट भी हुई थी।
रांची। झारखंड में राज्य की झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई में बनी नई सरकार की मुसीबत बढ़ गई है। क्योंकि राज्य में पत्थलगड़ी आंदोलन का विरोध करने पर उसके समर्थकों ने सात लोगों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी है। राज्य के पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदड़ी थाने के तहत बुरुगुलीकेरा गांव में आंदोलन समर्थकों ने इसके विरोधियों की हत्या कर सनसनी फैला दी है। जिसके बाद इस मामले के गर्माने के आसार हैं।
माना जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही बुरुगुलीकेरा गांव में पत्थलगड़ी आंदोलन से जुड़े लोगों ने एक बैठक की थी। जिसमें कुछ लोगों ने पत्थलगड़ी आंदोलन का विरोध किया था। इसको लेकर दो गुट बन गए थे और आपस में ही भिड़ने लगे थे थे। हालांकि कुछ ने बीच बचाव कर मामले को शांत कर दिया था। हालांकि दिनों गुटों में मारपीट भी हुई थी। आरोप है कि पत्थलगड़ी आंदोलन के समर्थकों ने इसका विरोध करने पर इन लोगों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी।
समर्थक इन लोगों का अपहरण कर जंगल में ले गए, जहां इनकी बेरहमी से हत्या कर दी। सात मृतकों में गांव का उपमुखिया और अन्य छह ग्रामीण शामिल हैं। ये घटना मंगलवार दोपहर की बताई जा रही है। इस मामले की जानकारी मिलते ही इलाके में भारी संख्या में पुलिस की तैनाती कर दी गई है। फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है। लेकिन अभी तक किसी ने शिकायत नहीं की है। क्योंकि पुलिस को मृतकों का शव नहीं मिला है।
पुलिस का कहना है कि कोई भी इस मामले में नहीं बोल रहा है और न ही किसी ने पुलिस के पास अभी कोई मर्डर या अपहरण की आधिकारिक शिकायत नहीं दर्ज कराई गई है। माना जा रहा है कि ये मामला आने वाले दिनों में और ज्यादा बढ़ सकता है। क्योंकि राज्य में जेएमएम की सरकार है जो आदिवासी समर्थक मानी जाती है।
जानें क्या है पत्थलगड़ी आंदोलन
पिछले कुछ महीनों में देश झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में पत्थलगड़ी आंदोलन शुरू हुआ है। क्योंकि स्थानीय लोगों का कहना है कि इन इलाकों में स्थानीय शासन का राज चलेगा। इस आंदोलन के समर्थक एक तरह के देश के इन हिस्सों में सामांतर सत्ता चलाना चाहते हैं और इसके तहत गांव के प्रवेश द्वार पर इसकी सूचना पत्थर पर लिख रहे हैं।
ये लोग एक तरह से प्रशासन,सरकारी संस्थानों और सुविधाओं का बहिष्कार कर रहे हैं। इन लोगों की मांग की इन इलाके में स्थानीय शासन लागू किया जाए। आदिवासी महासभा नामक संगठन के बैनर तले इसके समर्थक पत्थर पर खुदवा रहे हैं कि यहां ग्रामसभा का शासन है।