कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा का वाराणसी दौरा विवादों में आ गया। वाराणसी के लोगों को प्रियंका गांधी के काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने को आपत्ति है।
कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा का वाराणसी दौरा विवादों में आ गया। वाराणसी के लोगों को प्रियंका गांधी के काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने को आपत्ति है। वाराणसी के वकीलों का कहना है कि प्रिंयका ईसाई हैं और उन्हें चर्च के दर्शन करने चाहिए।
कांग्रेस नेता प्रियंका के वाराणसी दौरे से पहले नया विवाद शुरू हो गया है। वहां के वकीलों ने मंदिर दर्शन पर आपत्ति जताई है। वकीलों का कहना है कि प्रियंका गांधी ईसाई हैं और उन्हें हिंदू धर्म के मंदिरों के दर्शन नहीं करने चाहिए। क्योंकि सनातन धर्म के कई नियम हैं, जिसका पालन सिर्फ हिंदू धर्म के लोगो ही करते हैं। प्रियंका गांधी का 20 मार्च को वाराणसी के विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन का कार्यक्रम है। दरअसल वाराणसी के वकीलों ने प्रियंका गांधी वाड्रा के विश्वनाथ मंदिर दर्शन पर आपत्ति जताई है। इसके लिए वहां बड़ी संख्या में वकीलों ने मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी को पत्र देकर प्रियंका वाड्रा को विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन पर रोक लगाने की मांग की है।
वकीलों का कहना है कि विश्वनाथ मंदिर हिन्दू सनातन धर्म के देवताओं का मंदिर है और ईसाई धर्म होने के नाते प्रियंका वाड्रा को यहां जाने नहीं देना चाहिए। वकीलों का ये भी कहना है कि उनकी पूजा की जगह चर्च है। लिहाजा प्रियंका गांधी को मंदिर के बजाए चर्च में जाकर पूजा करनी चाहिए। हालांकि सोमवार को ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव अभियान की शुरुआत प्रयागराज से हनुमान जी के मंदिर के दर्शन कर और गंगा आरती के साथ की थी। प्रियंका प्रयागराज से वाराणसी के बीच जल मार्ग से 100 किलोमीटर की यात्रा करेंगी और इस दौरान करीब छह लोकसभा सीटों पर वह प्रचार करेंगी। प्रियंका बनारस मे बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के साथ ही मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी के भी दर्शन करेगी। हालांकि प्रियंका गांधी ने कुंभ में स्नान नहीं किया। जबकि उनकी राजनैतिक पारी की शुरूआत कुंभ के दौरान ही हुई थी।