आखिर सदन में बहुमत होने के बावजूद स्पीकर के मतदान के लिए क्यों डरे हैं उद्धव

By Team MyNation  |  First Published Dec 1, 2019, 10:04 AM IST

हालांकि विधानसभा में उद्धव ठाकरे भारी मतों से बहुमत साबित कर चुकी है। लेकिन स्पीकर के पद को लेकर डरी हुई है। अभी तक विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में सदन की कार्यवाही चल रही है। लेकिन आज इसके लिए चुनाव होना है और गठबंधन के दल सदन में इसके लिए खुले मतदान की मांग कर रहे हैं। 

मुंबई। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के पद के लिए बहुमत हासिल करने के बाद आज उद्धव ठाकरे एक बार फिर सदन में अपने पुराने दोस्त भाजपा के लिए स्पीकर के पद के लिए भिड़ेगे। सदन में बहुमत साबित करने के बाद आज उद्धव ठाकरे सरकार की दूसरी परीक्षा होगी। असल में सदन में बहुमत होने के बाद भी उद्धव सरकार डरी है और स्पीकर के लिए मतदान खुलेतौर पर करना चाहती है। क्योंकि सरकार को लगता है कि गुप्त मतदान होने के कारण भाजपा बड़ा खेल कर सकती है और अगर स्पीकर का पद उसके हाथ से चला गया तो ये उसकी बड़ी हार होगी।

हालांकि विधानसभा में उद्धव ठाकरे भारी मतों से बहुमत साबित कर चुकी है। लेकिन स्पीकर के पद को लेकर डरी हुई है। अभी तक विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में सदन की कार्यवाही चल रही है। लेकिन आज इसके लिए चुनाव होना है और गठबंधन के दल सदन में इसके लिए खुले मतदान की मांग कर रहे हैं।

जबकि अभी तक गुप्त मतदान की परंपरा रही है। लेकिन राज्य की गठबंधन सरकार को डर है है कि भाजपा इस पद के लिए कोई बड़ा खेल कर सकती है। लिहाजा वह गुप्त मतदान के खिलाफ है। महाविकास अघाड़ी गठबंधन सरकार को डर है कि अगर स्पीकर भाजपा का नियुक्त हो गया तो ये उसकी बड़ी हार होगी और राज्य में सरकार चलाने में उसे कई दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

असल में राज्य के कई भाजपा समर्थक शिवसेना के साथ ही एनसीपी और कांग्रेस में मौजूद हैं। जो गुप्त मतदान होने की स्थिति में भाजपा का साथ दे सकते हैं। जबकि खुले मतदान में ऐसा करना संभव नहीं है। लिहाजा सरकार इसके लिए पक्ष में हैं। यही नहीं प्रोटेम स्पीकर इसके लिए सरकार के पक्ष में फैसला दे सकते हैं। हालांकि सरकार के नीति निर्धाकरकों का मानना है कि सरकार के पास सदन में पूर्ण बहुमत है और कोई भी विधायक सरकार से बाहर नहीं जा रहा है। 
 

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