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हनुमान भक्त के बाद अब कृष्ण भक्त बने कांग्रेस के कमलनाथ, क्या उपचुनाव पर है नजर

Published : Aug 11, 2020, 02:55 PM IST
हनुमान भक्त के बाद अब कृष्ण भक्त बने कांग्रेस के कमलनाथ, क्या उपचुनाव पर है नजर

सार

अब कमलनाथ के घर पर राम दरबार के बाद जन्माष्टमी पर सजेगी भगवान कृष्ण की झांकी सजेगी। हालांकि कमलनाथ के धार्मिक होने और पिछले दिनों अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर के निर्माण के मौके पर आयोजित शिलान्यास कार्यक्रम के एक दिन पहले भगवान हनुमान जी के चालीसा का पाठ किया गया था।

भोपाल। कांग्रेस में बदलाव की बयार देखने को मिल रही है। कभी भगवान श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस पार्टी में बड़े नेता अब हिंदूओं को साधने के लिए कभी भगवान श्रीराम के भक्त बन रहे तो कभी भगवान हनुमान जी के। लेकिन अब मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भगवान कृष्ण की जन्माष्ठमी पर भगवान के भक्त बन गए हैं। अब कमलनाथ के घर पर राम दरबार के बाद जन्माष्टमी पर सजेगी भगवान कृष्ण की झांकी सजेगी। हालांकि कमलनाथ के धार्मिक होने और पिछले दिनों अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर के निर्माण के मौके पर आयोजित शिलान्यास कार्यक्रम के एक दिन पहले भगवान हनुमान जी के चालीसा का पाठ किया गया था।

हालांकि कमलनाथ के सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड को लेकर पार्टी के भीतर की उनके खिलाफ आवाज उठनी शुरू हो गई हैं। कांग्रेस के सांसद टीएन प्रतापन ने सोनिया गांधी पत्र लिखकर इस बारे में कुछ ठोस कदम उठाने को कहा है और कहा कि कांग्रेस अति धार्मिक राष्ट्रवाद के पीछे नहीं भाग सकती है। असल मं राज्य में विधानसभा की खाली सीटों पर उपचुनाव होना है और कमलनाथ अपनी मौजूदा ईमेज को बदलना चाहते हैं। लिहाजा वह हर धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं।

अब वहीं कमलनाथ सियासत में अब राम धुन के बाद कृष्ण भक्ति में लीन हैं।  वह आज जन्माष्टमी के मौके पर भगवान कृष्ण झांकी सजाने की तैयारी में हैं। वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ के निवास पर आज जन्माष्टमी की धूम रहेगी। इससे पहले कमलनाथ राम मंदिर निर्माण के भूमिपूजन से एक दिन पहले कमलनाथ ने घर राम दरबार सजाया था और हनुमान चालीसा का पाठ किया था। उनके इस कार्यक्रम में कांग्रेस के कई नेता शामिल भी हुए थे। 

कमलनाथ पहले कर चुके हैं सॉफ्ट हिंदुत्व का प्रयोग

असल में राज्य में हुए 2018 के विधानसभा चुनाव के वक्त उन्होंने सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पकड़ी थी और वह विधानसभा चुनाव से पहले महाकाल मंदिर के मंदिर गए थे और पूजा अर्चना की थी। वहीं कमरनाथ ने राज्य की सत्ता में आने पर गौ शालाएं और राम वन गमन पथ बनाने की घोषणा की थी। वहीं कमलनाथ को लग रहा है कि आगामी विधानसभा उपचुनाव में वह सॉफ्ट हिंदुत्व के जरिए अपनी छवि बदल सकते हैं।

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