अनुच्छेद 370 के सूत्रधार डोभाल अयोध्या फैसले के बाद फिर कैसे बने मोदी सरकार के 'संकटमोचक'

By Team MyNation  |  First Published Nov 10, 2019, 7:49 PM IST

आज राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बाबा रामदेव, स्वामी परमात्मानंद, अवधेशानंद गिरि शिया मुस्लिम धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद, मौलाना अरशद मदनी से मुलाकात की। अयोध्या मामले में फैसला आने के बाद ये काफी अहम बैठक मानी जा रही है।क्योंकि ज्यादातर मुस्लिम और हिंदू धार्मिक गुरुओं ने इस फैसले को खुलेमन से स्वीकार किया है।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सत्तर साल तक चले अयोध्या मामले में ऐतिहासिक फैसला दिया है। हालांकि चौबीस घंटे बीतने के बाद देश में किसी भी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। लेकिन इसी बीच केन्द्र सरकार ने संकटमोचक माने जाने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को देश में अमन चैन कायम करने की जिम्मेदारी दी है। लिहाजा इसी सिलसिले में डोभाल ने आज हिंदू मुस्लिम धर्मगुरुओं से मुलाकात कर देश में अमन चैन की अपील की।

आज राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बाबा रामदेव, स्वामी परमात्मानंद, अवधेशानंद गिरि शिया मुस्लिम धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद, मौलाना अरशद मदनी से मुलाकात की। अयोध्या मामले में फैसला आने के बाद ये काफी अहम बैठक मानी जा रही है।क्योंकि ज्यादातर मुस्लिम और हिंदू धार्मिक गुरुओं ने इस फैसले को खुलेमन से स्वीकार किया है। हालांकि धर्म गुरुओं ने पहले ही कहा था कि जो भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आए उसे स्वीकार किया जाएगा। आज ये बैठक डोभाल के घर पर ही बुलाई गई थी।

इस बैठक के दौरान धार्मिक नेताओं, धर्मगुरुओं और डोभाल के बीच देश में मौजूदा स्थिति को लेकर चर्चा की। क्योंकि अयोध्या मामले में कल ऐतिहासिक फैसला आने के बाद अभी तक देश में शांति कायम है। क्योंकि ज्यादातर संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। जिसके कारण किसी भी संगठन ने इसका विरोध नहीं किया। यहां तक कि मुस्लिम पर्सलन लॉ बोर्ड ने भी साफ कर दिया है कि वह इस फैसले के खिलाफ रिव्यू याचिका दाखिल नहीं करेगा। जिसके बाद माना जा रहा है कि अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कोई विरोध नहीं करेगा।

गौरतलब है कि शनिवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में रामलला के पक्ष में आदेश दिया है। जिसके तहत विवादित जमीन रामलला की होगी और मुस्लिम के लिए अयोध्या में अलग से 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद बनाई जाएगी। हालांकि कुछ मुस्लिम नेताओं का कहना है कि मुस्लिमों को जमीन नहीं चाहिए। हालांकि इसी बीच यूपी सरकार ने सरकार ने साफ किया है कि राज्य में सुरक्षा चाक-चौबंद है और मिलाद-उन-नबी के जुलूस पर रोक नहीं है। वहीं किसी तरह के जुलूस को निकालने की अनुमति नहीं है।

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