वायुसेना चीफ भदौरिया बोले, राफेल हमें पहले हमला करने में देता है बढ़त

By Team MyNationFirst Published Oct 5, 2020, 7:06 PM IST
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एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने वायु सेना स्थापना दिवस 8 अक्टूबर आज संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लद्दाख तो छोटा क्षेत्र है, हमने हर जगह पर पूरी मजबूती बना रही रखी है और राफेल की तैनाती कर रखी है। 

नई दिल्ली। चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में भारी तनाव के बीच वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया खुलेतौर पर कहा कि दुनिया का सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान राफेल का वायु सेना के बेड़े में शामिल होने से वायुसेना की ताकत में इजाफा हुआ है और ये पहले हमला करने की क्षमता की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि राफेल में कई तरह की खूबियां हैं और ये दूरी के मामलों में बढ़त देता है। राफेल चीन की ओर से किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए सक्षम है और  वायु सेना ने हर जगह पर तैनाती कर रखी है । वहीं भारत दो मोर्चों पर एक साथ निपटने के लिए समक्ष है।

एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने वायु सेना स्थापना दिवस 8 अक्टूबर आज संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लद्दाख तो छोटा क्षेत्र है, हमने हर जगह पर पूरी मजबूती बना रही रखी है और राफेल की तैनाती कर रखी है। उन्होंने कहा कि सवाल नहीं उठता कि किसी भी टकराव की स्थिति में चीन हमसे पार पा सकता है। उन्होंने कहा कि वहां भी हमारी सेना तैनात है और हमने तैयारी कर रखी है। साथ ही भारतीय वायु सेना के पास यह क्षमता है कि वह अपने विमानों तथा अन्य साजो सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा सकता है।

उन्होंने कहा कि देश की बहादुर वायु सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है और इसमें हम दोनों मोर्चों पर एक साथ लड़ाई लड़ने की स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि वायु सेना सभी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि चीन की नापाक हरकत के बारे में पहली बार मई में पता चला और उसके बाद हम उसने हराकर आ गए। उन्होंने खुलासा किया कि चीनी सेना सामान्य तौर पर इस समय अभ्यास करती है लेकिन उसने यह हरकत की।

जैसे ही पता चला तुरंत कदम उठाये गए और सेना की जरूरत के मुताबिक जवानों और साजो सामान पहुंचाने की वह तुरंत पूरी की गई। उन्होंने कहा कि जहां तक चीन के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित स्कूर्द एयर बेस का इस्तेमाल करने की बात है यह विकल्प खुला रखा गया है। क्योंकि अगर चीन स्कूर्द का इस्तेमाल करता है तो यह मिलीभगत पर आधारित खतरा होगा और भारतीय वायुसेना इससे निपटने के लिए तैयार है।

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