चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताते हुए उस पर कब्जे के लिए बल प्रयोग की धमकी भी दे चुका हैं। हालांकि अभी तक चीन अमेरिका के कारण ताइवान को नुकसान नहीं पहुंचा सका है। लेकिन उसके मंसूबे खतरनाक हैं। लिहाजा चीन के घंमड को कम करने और ताइवान को मजबूत करने के लिए अमेरिका ताइवान को अब ऐसा अचूक हथियार देने की तैयारी में हैं। जिससे चीन के मन में खौफ पैदा हो जाएगा।
नई दिल्ली। चीन की गुंडई को खत्म करने के लिए अब अमेरिका ने ताइवान को अचूक हथियार देने का फैसला किया है। क्योंकि भारत के साथ ही चीन ताइवान को आंख दिखा रहा है। वहीं चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताते हुए उस पर कब्जे के लिए बल प्रयोग की धमकी भी दे चुका हैं। हालांकि अभी तक चीन अमेरिका के कारण ताइवान को नुकसान नहीं पहुंचा सका है। लेकिन उसके मंसूबे खतरनाक हैं। लिहाजा चीन के घंमड को कम करने और ताइवान को मजबूत करने के लिए अमेरिका ताइवान को अब ऐसा अचूक हथियार देने की तैयारी में हैं। जिससे चीन के मन में खौफ पैदा हो जाएगा।
असल में अमेरिका ने 620 मिलियन डॉलर की अनुमानित लागत के पैट्रियट एडवांस्ड कैपिबिलिटी-3 मिसाइल ताइवान को देने का फैसला किया है। इन मिसाइल को लेकर चीन में खौफ है। डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी के मुताबिक हथियारों की बिक्री ताइवान संबंध अधिनियम के तहत की जा रही है। वहीं अमेरिका ताइवान के सशस्त्र बलों को आधुनिक बनाने व एक विश्वसनीय रक्षात्मक क्षमता बनाने के लिए भी मदद करेगा। फिलहाल अमेरिका मदद के बाद चीन बौखला गया है और उसने ताइवान को धमकी दी है।
अमेरिकी रक्षा उपकरण मिलने के बाद ताइवान की सुरक्षा में मजबूती आएगी और वह चीन का मुकाबला आसानी से कर सकेगा। अमेरिकी रक्षा प्रशासन का कहना है कि ताइवान के साथ यह पैकेज मिसाइल घनत्व को बनाए रखने में मदद करेगा। अमेरिकी प्रशासन का ये भी कहना है कि इस बिक्री से क्षेत्र में सैन्य संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी। चीन के साथ ताइवान के खराब होते रिश्तों को देखते हुए इस साल मई में ही अमेरिका ने ताइवान को $ 180 मिलियन की लागत से 18 एमके -38 मॉड 6 उन्नत प्रौद्योगिकी हैवीवेट टॉरपीडो की बिक्री के लिए मंजूरी दी थी।