लोकसभा चुनावों के बीच महंगाई की दस्तक, अब बढ़ेगी तेल की कीमतें

By Rahul MisraFirst Published Apr 22, 2019, 4:41 PM IST
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इस फैसले की उम्मीद पर जहां वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 3 फीसदी से अधिक उछाल के साथ 2019 के शीर्ष स्तर पर हैं, फैसला होने के बाद रायटर्स का दावा है कि एक बार फिर कच्चे तेल की कीमत बेकाबू हो सकती है.

ईरान से कच्चा तेल खरीदने पर लगे अमेरिकी प्रतिबंध को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और तीव्र करने जा रहे हैं. अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने दावा किया है कि ट्रंप प्रशासन अब 6 देशों को ईरान से तेल खरीदने की रियायत को खत्म करने जा रहा है. 

इस फैसले की उम्मीद पर जहां वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 3 फीसदी से अधिक उछाल के साथ 2019 के शीर्ष स्तर पर हैं, फैसला होने के बाद रायटर्स का दावा है कि एक बार फिर कच्चे तेल की कीमत बेकाबू हो सकती है.

गौरतलब है कि नवंबर 2018 में अमेरिका ने ईरान और 6 अन्य देशों के बीच हुई 2015 की न्यूक्लियर संधि को निरस्त करते हुए एक बार फिर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि 4 नवंबर 2018 से लागू इस प्रतिबंध में डोनाल्ड ट्रंप ने चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, तुर्की, इटली और ग्रीस को 6 महीने की रियायत देते हुए सीमित स्तर पर ईरान से कच्चा तेल खरीदने की इजाजत दी थी.

सूत्रों के मुताबिक दावा किया गया है कि डोनाल्ड ट्रंप अब ईरान की कमाई के सभी श्रोत पूरी तरह बंद करना चाहते हैं. वहीं अंतरराष्ट्रीय कच्चा तेल बाजार के जानकारों का दावा है कि ट्रंप के इस फैसले का विपरीत असर एशियाई देशों को पड़ेगा. गौरतलब है कि जहां अमेरिकी राहत की मियाद अप्रैल में खत्म हो रही है, राहत पाने वाले देश अमेरिका पर दबाव बना रहे हैं कि राहत को जारी रखा जाए.

हालांकि अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि ईरान पर प्रतिबंध को पूरी तरह लागू होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की सप्लाई बाधित नहीं होगी. अमेरिका का मानना है कि ओपेक देश समेत अमेरिकी शेल गैल और रूस अपनी ईरान से सप्लाई बंद होने पर अपनी सप्लाई में इजाफा करेंगे. 

इस खबर के असर से जहां दुनियाभर के शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली वहीं भारतीय शेयर बाजार में भी प्रमुख ट्रेंडिंग इंडेक्स सेंसेक्स में दिन के कारोबार में लगभग 500 अंकों की गिरावट दर्ज हुई और निफ्टी भी लगभग 160 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ.
गौरतलब है कि चीन के साथ-साथ भारत ईरान के कच्चे तेल का बड़ा ग्राहक है. वहीं अमेरिका के प्रतिबंध के चलते भारत अब ईरान से इतर कच्चे तेल की सप्लाई के विकल्प तलाश रहा है. लेकिन 6 महीने से जारी अमेरिका राहत को खत्म करने से भारतीय बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा देखने को मिलेगा.

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