चाहें तो ऐसे 2024 तक भाजपा अध्यक्ष बने रह सकते हैं अमित शाह

By Siddhartha Rai  |  First Published May 27, 2019, 6:33 PM IST

इस संभावना को टटोलने के लिए माय नेशन ने भाजपा के संविधान को खंगाला और पाया कि अमित शाह 2024 तक पार्टी अध्यक्ष के पद पर बने रह सकते हैं। हालांकि भाजपा अध्यक्ष के कार्यकाल को लेकर कुछ भ्रांतियां हैं.

लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों के बाद भारतीय राजनीति का सबसे ज्वलंत मुद्दा और कयासों का केन्द्र बिंदु है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की भूमिका में क्या बदलाव होगा.
राजनीतिक गलियारों में अफवाह है कि भाजपा अध्यक्ष को नई मोदी सरकार में गृह मंत्रालय का कार्यभार सौंपा जा सकता है। हालांकि कयास यह भी है कि यदि भाजपा और स्वंय अमित शाह यह फैसला कर लें कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भी पार्टी का नेतृत्व वही करें।

इस संभावना को टटोलने के लिए माय नेशन ने भाजपा के संविधान को खंगाला और पाया कि अमित शाह 2024 तक पार्टी अध्यक्ष के पद पर बने रह सकते हैं। हालांकि भाजपा अध्यक्ष के कार्यकाल को लेकर कुछ भ्रांतियां हैं.

भाजपा का संविधान किसी व्यक्ति को तीन-तीन वर्ष के लिए लगातार दो बार अध्यक्ष पद पर रहने की अनुमति देता है।

अमित शाह ने 9 जुलाई 2014 को केन्द्रीय संसदीय बोर्ड के फैसले के बाद भाजपा अध्यक्ष के पद को ग्रहण किया। अध्यक्ष पद का कार्यभार शाह ने त्तकालीन अध्यक्ष राजनाथ सिंह से लिया जिन्हें 24 जनवरी 2013 को तब अध्यक्ष नियुक्त किया गया जब त्तकालीन पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी को वित्तीय घोटाले के आरोपों के चलते पद से त्याग करना पड़ा था।

इसके बाद 26 मई, 2014 को राजनाथ सिंह नरेन्द्र मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री के लिए चुने गए और उन्हें पार्टी अध्यक्ष के पद का त्याग करना पड़ा। इसके चलते राजनाथ सिंह का अध्यक्ष पद का कार्यकाल पूरा नहीं हो सका और अमित शाह को उनके बचे हुए कार्यकाल के लिए अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

इससे पहले भी राजनाथ सिंह को 2004 में तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी के बचे हुए कार्यकाल के लिए अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। दरअसल, आडवाणी का कार्यकाल 2005 में पूरा होना था लेकिन मुहम्मद अली जिन्ना पर की गई उनकी टिप्पणी पर हुए विवाद के चलते उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था। वहीं 2005 के बाद राजनाथ सिंह को एक बार फिर पूरे कार्यकाल के लिए अध्यक्ष चुना गया।

वहीं अमित शाह को 24 जनवरी, 2016 को पहले पूर्ण कार्यकाल के लिए पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुना गया। लिहाजा संविधान के मुताबिक उनका पहला कार्यकाल जनवरी 2019 में पूरा होना था जिसे राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने लोकसभा चुनाव और कुछ राज्यों के चुनावों को देखते हुए जनवरी 2020 तक बढ़ा दिया।

लिहाजा, अब यदि अमित शाह अपना कार्यकाल पूरा करने का फैसला लेते हैं तो इस स्थिति में भी उनके पास तीन साल के एक और कार्यकाल के लिए चुने जानें का विकल्प बचा है। लिहाजा शाह जनवरी 2023 तक पार्टी अध्यक्ष के पद पर बने रह सकते हैं। हालांकि नियम के मुताबिक अगले चुनावों तक अमित शाह को अध्यक्ष पद पर बरकरार रखने के लिए पार्टी कार्यकारिणी को एक बार फिर उनके कार्यकाल में एक साल का इजाफा करने का प्रस्ताव पास करना होगा।

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