आज बंगाल में अमित शाह की वर्चुअल रैली, बढ़ा सियासी तापमान

अमित शाह ने 2019 के आम चुनावों से पहले राज्य में भाजपा के चुनाव अभियान की शुरूआत की थी और राज्य सरकार को घेरने में भाजपा सफल रही थी। राज्य की  42 सीटों में से 18 सीटें भाजपा ने जीती जबकि टीएमसी 22 सीटों पर ही सिमट गई थी। लिहाजा अब भाजपा को अमित शाह की रैलियों से बड़ी उम्मीद है।
 

Amit Shah virtual rally in Bengal today, political temperature increases

नई दिल्ली। भाजपा पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा  चुनाव के लिए अभी तक सक्रिय हो गई है। लिहाजा आज बिहार और ओडिशा के बाद भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बंगाल में पचास लाख लोगों को वर्चुअल रैली से पार्टी से कनेक्ट करेंगे। जिसके बाद राज्य की  सत्तादारी टीएमसी की मुश्किलें बढ़ गई है। अमित शाह और भाजपा की तर्ज पर टीएमसी ने भी राज्य में कार्यकर्ताओं को जोड़ने  के लिए वर्चुअल रैलियों और बैठकों को शुरू कर दिया है।

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बिहार के बाद अमित शाह ने ओडिशा में वर्चुअल रैलियों की शुरूआत कर दी है। इसको लेकर पश्चिम बंगाल की सियासत गर्मा गई है। अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पश्चिम बंगाल में वर्चुअल रैलियों के जरिए अपने कैडर को मजबूत करने की तैयारी में है। हालांकि राज्य में लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा और ज्यादा मजबूत हुई है। वहीं राज्य में टीएमसी में वर्चअल रैलियों के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं को तैयार कर रही है।  

दो दिन पहले ही राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने राज्य के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही जिलों के अध्यक्ष के साथ वर्चुअल प्लेटफार्म के जरिए बैठक की थी और चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा है। फिलहाल पश्चिम बंगाल में अमित शाह की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के रैलियों को लेकर टीएमसी परेशान है। असल में इन रैलियों के जरिए अमित शाह राज्य सरकार पर आक्रमण करेंगे और राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा करेंगे। वहीं राज्य में भाजपा मुख्य तौर पर कोरोना संक्रमण को न रोक पाने के लिए राज्य सरकार पर पहले से ही आक्रामक है। राज्य में बंकुरा से सांसद और युवा मोर्चा के अध्यक्ष सौमित्र खान कहते हैं कि राज्य के लोगों में राज्य सरकार को लेकर बहुत गुस्सा और निराशा है।

राज्य सरकार कोरोना और अफान चक्रवात तूफान से हुए नुकसान को लेकर विफल रही है। राज्य सरकार सिर्फ राजनीति कर रही है और अभी तक टीएमसी सरकार विफल रही है। लिहाजा जनता भी टीएमसी को राज्य की सत्ता से बेदखल करना चाहती है। उनका दावा है कि शाह की डिजिटल रैली राज्य के 50 लाख लोगों को अपने से कनेक्ट करेगी। अमित शाह ने 2019 के आम चुनावों से पहले राज्य में भाजपा के चुनाव अभियान की शुरूआत की थी और राज्य सरकार को घेरने में भाजपा सफल रही थी। राज्य की  42 सीटों में से 18 सीटें भाजपा ने जीती जबकि टीएमसी 22 सीटों पर ही सिमट गई थी। लिहाजा अब भाजपा को अमित शाह की रैलियों से बड़ी उम्मीद है।

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