जमात-ए-इस्लामी के समर्थन में एएमयू स्टूडेंट यूनियन, जांच के दायरे में प्रोफेसरों की भूमिका

By Siddhartha RaiFirst Published Mar 5, 2019, 4:47 PM IST
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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) स्टूडेंट यूनियन, इस्लामिक संगठन जमात-ए-इस्लामी पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ है। केन्द्र सरकार ने जमात को आतंकी संबंध रखने के लिए प्रतिबंधित किया है। एएमयू के स्टूडेंट यूनियन ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर में एक अघोषित आपातकाल लागू किया है।
 

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) स्टूडेंट यूनियन, इस्लामिक संगठन जमात-ए-इस्लामी पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ है। केन्द्र सरकार ने जमात को आतंकी संबंध रखने के लिए प्रतिबंधित किया है। एएमयू के स्टूडेंट यूनियन ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर में एक अघोषित आपातकाल लागू किया है।

मोदी सरकार ने 18 फरवरी को आंतकी इस्लामिक एजेंडा को चलाने वाले जमात पर पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आंतकी हमले के बाद प्रतिबंध लगाया था। पुलवामा आंतकी हमले में 40 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे। एएमयू स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष सलमान इम्तियाज ने जो खत जारी किया है। उसके मुताबिक जमात को निचले स्तर पर कार्य करने वाला संगठन बताया गया है और सभी स्टूडेंट से इसके खिलाफ आवाज उठाने को कहा है। इस पत्र में लिखा गया है कि जमात कश्मीर में एक मशहूर संगठन है।

सलमान ने लिखा है कि जमात राज्य में अनाथों और विधवाओं के उत्थान के लिए कार्य कर रहा है।  जब इस बारे में माय नेशन ने इम्तियाज से बात की गयी तो उसने कहा कि वह इस मामले में बाद में बात करेगा। इस पत्र में एएमयू के स्टूडेंट को राष्ट्रीयता को घातक बताया गया है। इस बारे में यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट का मानना है कि केन्द्र सरकार ने अपने राजनैतिक फायदे के लिए जमात पर प्रतिबंध लगाया जबकि जमात एक सामाजिक-धार्मिक और राजनैतिक संगठन है।

इस पर प्रतिबंध लगाना राज्य के लिए एक सदमा है। उनका कहना है कि राज्य में केन्द्र की मोदी सरकार ने एक अघोषित आपातकाल लगाया हुआ है और राष्ट्रीयता के नाम पर खरतनाक परिभाषा थोपी जा रही है। इम्तियाज का कहना है कि जमात तो संविधात के तहत चल रहा है और ये कोई आंतक वाद से नहीं जुड़ा है न ही अंडरग्राउंड हुआ है।

भाजपा सरकार का समय खत्म हो रहा है और कुछ ही हफ्तों में संसदीय चुनाव होने हैं और इससे पहले जमात पर प्रतिबंध लगाने का मकसद अपने हिदुंत्व राजनीति को धार देना है। तकरीबन सभी राजनैतिक दल नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस सभी इस बैन के खिलाफ हैं। इसके साथ ही कश्मीर के धार्मिक नेता, सामाजिक संस्थानों के लोग और कारोबारियों ने इस प्रतिबंध का विरोध किया है और उनका कहना है कि ये राजनैतिक के प्रेरित है। 

हाल ही में पुलवामा आंतकी हमले के बात एएमयू में पढ़ने वाले और कश्मीर के रहने वाले स्टूडेंट बासिम हिलाल ने जैश को समर्थन करते हुए ट्विट कर कहा ‘हाउज द जैश, ग्रेट सर’ लिखा था। गौरतलब है कि सर्जिकल स्ट्राइक पर बनी फिल्म उरी फिल्म में बोले गये डाइलॉग में बदला कर लिखा गया था। इसके बाद बिलाल पर एफआईआर दर्ज की गयी थी और उसे यूनिवर्सिटी से बाहर कर दिया गया था।
 

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