'माय नेशन' के पास मौजूद रेस्क्यू ऑपरेशन की तस्वीरों से पता चलता है कि बहादुर जवानों ने किन परिस्थितियों में अपनी जान हथेली पर रखकर इन दोनों ट्रक ड्राइवरों और उनके सहयोगियों को मौत के मुंह से बाहर निकाला।
जम्मू-कश्मीर में नवंबर माह में हुई बर्फबारी से जहां एक ओर फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है, वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग भी कई जगह बाधित हो गया है। कई वर्षों बाद कश्मीर में नवंबर की शुरुआत में बर्फबारी हुई है। इससे राष्ट्रीय राजमार्ग पर हजारों की तादाद में वाहन फंस गए थे।
बर्फबारी से सबसे ज्यादा जम्मू-कश्मीर नेशनल हाईवे पर स्थित जवाहर टनल और जम्मू-कश्मीर से जोड़ने वाला पुंछ शोपियां मुगल रोड प्रभावित हुआ है। जब पूरा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग भारी बर्फबारी से त्राहि त्राहि कर रहा था उस वक्त जम्मू से श्रीनगर जा रहे फलों के दो ट्रक एवलांच की चपेट में आ गए। इसकी खबर जब स्थानीय प्रशासन को मिली तो पहले उन्होंने एवलांच में फंसे दोनों ड्राइवरों को वहां से रेस्क्यू करवाने की कोशिश की। लेकिन भारी बर्फबारी के चलते उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बाद सेना को यह जिम्मा सौंपा गया। 36 घंटे तक चले एक बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सेना के बहादुर जवानों ने मौसम की कठिनाइयों और बारिश-बर्फबारी के बीच फंसे दोनों ट्रक ड्राइवरों और उनके सहयोगियों को आखिरकार जोजिला टनल के कुछ दूर से रेस्क्यू कर लिया। यह दोनों ट्रक उस वक्त बर्फ में दबे थे। भारी बर्फबारी के कारण वहीं पर बंद हो गए थे।
'माय नेशन' के पास मौजूद रेस्क्यू ऑपरेशन की तस्वीरों से पता चलता है कि बहादुर जवानों ने किन परिस्थितियों में अपनी जान हथेली पर रखकर इन दोनों ट्रक ड्राइवरों और उनके सहयोगियों को मौत के मुंह से बाहर निकाला।