कम उम्र के कारण नहीं पा सकी पहला स्थान, न्यूरो सर्जरी में शोध करने की है 'आकांक्षा'

By Team MyNationFirst Published Oct 28, 2020, 9:18 PM IST
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आकांक्षा ने कहा कि एम्स दिल्ली से एमबीबीएस करने के बाद उनकी इच्छा न्यूरो सर्जरी में शोध करने की है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य ऊंचा रखें। इसे हासिल करने के लिए रणनीति बनाकर प्रयास करें। हार्ड वर्क के साथ स्मार्ट वर्क भी सफलता के लिए जरूरी है।

लखनऊ। अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाली उत्तर प्रदेश के कुशीनगर की छात्रा आकांक्षा सिंह ने देशभर में उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया है। नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस एग्जामिनेशन (नीट) में पूरे अंक हासिल कर इतिहास बनाने वाली आकांक्षा एम्स दिल्ली से एमबीबीएस करने के बाद न्यूरो सर्जरी में शोध करना चाहती है। आकांक्षा ने कहा कि एम्स दिल्ली से एमबीबीएस करने के बाद उनकी इच्छा न्यूरो सर्जरी में शोध करने की है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य ऊंचा रखें। इसे हासिल करने के लिए रणनीति बनाकर प्रयास करें। हार्ड वर्क के साथ स्मार्ट वर्क भी सफलता के लिए जरूरी है। असफलता से हताश न हों। उसकी वजह तलाशें और लक्ष्य हासिल करने के लिए फिर से जी-जान से जुट जाएं।

उन्होंने आगे कहा कि मेरे लिए यह सपना साकार होने जैसा है। हम पूर्वांचल के हैं। बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमारे लिए श्रद्धेय हैं। स्वाभाविक है उनसे मिलने की दिली तमन्ना थी। इस तमन्ना के पूरी होने पर जो खुशी हो रही है उसे शब्दों में नहीं बया कर सकती। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे साथियों से आकांक्षा ने सफलता के मूल मंत्र भी शेयर किये। उन्होंने कहा कि यूपी में शुरू किए गए मिशन शक्ति से बहुत प्रेरणा मिली है। आकांक्षा ने नारी सशक्तीकरण को लेकर शुरू किए गए इस अभियान के लिए सीएम योगी को धन्यवाद दिया।

आकांक्षा शुरू से ही मेधावी रहीं हैं। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की शिक्षा उन्होंने क्रमश: नवजीवन मिशन स्कूल कसया और दिल्ली के प्रगति पब्लिक स्कूल से हासिल की है। इन दोनों परीक्षाओं में उनके नंबर क्रमश: 97.6 और 96.4 फीसद रहे। पहले ही प्रयास में उन्होंने नीट जैसी सम्मानित देश स्तरीय परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया। बता दें कि हाल ही में आए नीट के परिणाम के बाद से कुशीनगर निवासी आकांक्षा सिंह ने नीट-2020 में 720 में पूरे 720 अंक लाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। हालांकि उम्र कम होने की वजह से आकांक्षा को दूसरी रैंक दी गई।

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