'बागी' आजाद ने कहा कि अध्यक्ष पद के नहीं हुए चुनाव तो अगले 50 साल तक विपक्ष में बैठी रहेगी कांग्रेस

असल में गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के उन नेताओं में से हैं जो कांग्रेस के भीतर संगठन में चुनाव की मांग कर रहे हैं और इसके लिए उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। आजाद  के साथ ही कांग्रेस के अन्य 22 नेताओं ने इस चिट्ठी में हस्ताक्षर किए। 

Azad said that if elections were not held Congress would remain sitting in opposition for the next 50 years

नई दिल्ली। कांग्रेस  पार्टी में रार थमने का नाम  नहीं ले रही है और पार्टी के बागी नेताओं के लगातार बयान आ रहे हैं। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बागी नेताओं को मना रही है। लेकिन पार्टी के बागी नेता अपने बयानों से कांग्रेस आलाकमान पर निशाना साध रहे हैं। वहीं राज्यसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता गुलाम नबी आजाद ने अगर पार्टी में यही हालत रहे तो आने वाले 50 साल तक पार्टी विपक्ष में ही बैठी रहेगी। उन्होंने कहा कि एक फीसदी लोग इसका समर्थन में नहीं करते हैं कि अध्यक्ष पद पर किसी को बिना चुनाव के नियुक्त कर दिया जाए। 

असल में गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के उन नेताओं में से हैं जो कांग्रेस के भीतर संगठन में चुनाव की मांग कर रहे हैं और इसके लिए उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। आजाद  के साथ ही कांग्रेस के अन्य 22 नेताओं ने इस चिट्ठी में हस्ताक्षर किए। वहीं अब आजाद का कहना है कि पार्टी में अगर अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं हुए तो आने वाले 50 साल तक पार्टी विपक्ष में ही बैठी रहेगी। आजाद ने  कहा कि अगर आप चुनाव लड़ते हैं तो कम से कम 51 फीसदी लोग आपके साथ होते हैं। क्योंकि चुनाव में केवल 2 से 3 लोगों के खिलाफ चुनाव लड़ा जाता है। उन्होंने सोनिया गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि अभी अध्यक्ष बनने वाले व्यक्ति के पास एक फीसदी का समर्थन नहीं हो सकता है।

आजाद ने कहा कि अगर कोई कांग्रेस कार्यसमिति का सदस्य चुना जाता है तो उन्हें हटाया नहीं जा सकता।  उन्होंने कहा कि मेरा मकसद मेहनत करते हुए पार्टी को मजबूत करना है। वर्तमान में कांग्रेस राज्यों में किसी को भी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त कर रही है। ये वो नेता होते हैं जो दिल्ली आते जाते रहते हैं और उनकी सिफारिश दिल्ली में बैंठे नेताओं  द्वारा की जाती है। आजाद ने कहा कि वह उन नेताओं की आलोचना कर रहे हैं जो पार्टी में संगठन चुनाव का विरोध कर रहे हैं। ये लोग जो वफादारी का दावा कर रहे हैं, वे वास्तव में सस्ती राजनीति कर रहे हैं और पार्टी को नुकसान पहुंचा रेह हैं।
 

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