हरियाणा में चुनाव से पहले पुराने साथी ने छोड़ा भाजपा का साथ

By Team MyNation  |  First Published Sep 27, 2019, 9:46 AM IST

असल में हरियाणा में अकाली दल के एक मात्र विधायक बलकौर सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया। जिसके बाद अकाली दल का नेतृत्व भाजपा से नाराज चल रहा है। लिहाजा अब अकाली दल ने हरियाणा में भाजपा के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है। अकाली दल ने चुनाव में भाजपा से साथ गठबंधन की बात कही थी। हरियाणा के कालांवाली सीट से अकाली दल के विधायक बलकौर सिंह दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था और भाजपा के प्रति अपनी आस्था व्यक्त कि थी।

चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी के सबसे पुराने साथी शिरोमणी अकाली दल ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है। हालांकि अकाली दल ने केन्द्र और पंजाब में भाजपा का साथ नहीं छोड़ा। लेकिन हरियाणा में अब अकाली दल भाजपा के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतारेगी। अकाली दल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए भाजपा को धोखेबाज बताया है।

असल में हरियाणा में अकाली दल के एक मात्र विधायक बलकौर सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया। जिसके बाद अकाली दल का नेतृत्व भाजपा से नाराज चल रहा है। लिहाजा अब अकाली दल ने हरियाणा में भाजपा के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है। अकाली दल ने चुनाव में भाजपा से साथ गठबंधन की बात कही थी। हरियाणा के कालांवाली सीट से अकाली दल के विधायक बलकौर सिंह दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था और भाजपा के प्रति अपनी आस्था व्यक्त कि थी।

वहीं चंडीगढ़ में अकाली दल के प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि पार्टी भाजपा के साथ सीटों के बंटवारे पर बातचीत कर रही है और भाजपा उसके विधायक को तोड़ कर अपनी पार्टी में शामिल कर रही है। ऐसे में पार्टी के लिए भाजपा के साथ गठबंधन का कोई औचित्य नहीं है। अकाली दल ने भाजपा पर धोखा देने का आरोप लगाया। गौरतलब है कि हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों पर 21 अक्टूबर को चुनाव होने हैं और भाजपा ने इस बार 75 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।

पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 47 सीटें जीती थी। जबकि कांग्रेस के खाते में सिर्फ 15 सीटें आई थी जबकि इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) को 19 सीटें मिली थी। हालांकि अकाली दल का पंजाब और केन्द्र में भाजपा के साथ गठबंधन बरकरार रहेगा। गौरतबल है कि भाजपा और अकाली दल ने लोकसभा चुनाव पंजाब में मिलकर लड़ा था। हालांकि कांग्रेस की तुलना में एनडीए को ज्यादा सीटें नहीं मिल पाई थी। वहीं अकाली दल केन्द्र में भाजपा के साथ सरकार में है।

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