लाउडस्पीकर उतरवाने के बहाने ममता बनर्जी की पुलिस ने मंदिर में घुसकर मचाई तोड़ फोड़

By Team MyNation  |  First Published Feb 14, 2019, 5:41 PM IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पुलिस ने राजधानी कोलकाता के न्यू टाउन इलाके में एक मंदिर में घुसकर तोड़ फोड़ मचा दी और वहां रखे सामान को भारी नुकसान पहुंचाया है। इसके खिलाफ लोगों का गुस्सा उबाल पर है और उन्होंने सड़क जाम कर दी। 

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के पास का न्यू टाउन इलाका जंग के मैदान में बदल गया है। यहां के पाथरघाटा गांव के एक मंदिर में तोड़ फोड़ करने की हरकत से नाराज ग्रामीणों ने गांव में घुसने के रास्ते बंद कर दिए हैं और पुलिस की गाड़ियां तोड़ दी हैं। यहां लोग सड़कों पर टायर जलाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। 

ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस पहले मंदिर पर लगे लाउडस्पीकर पर आपत्ति जता रही थी। यह लाउडस्पीकर एक धार्मिक समारोह के मौके पर लगाया गया था। लेकिन जल्दी ही पुलिस और स्थानीय लोगों में विवाद शुरु हो गया। जिसके बाद पुलिसवाले मंदिर में घुस गए और उन्होंने तोड़ फोड़ करनी शुरु कर दी। 

इस घटना से नाराज होकर ग्रामीणों ने भी पुलिसवालों पर हमला शुरु कर दिया। 

रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने रात में लाउडस्पीकर बजाने का विरोध किया। क्योंकि बच्चों की परीक्षाएं चल रही थीं। पुलिस के समझाने के बाद लोगों ने लाउडस्पीकर बंद कर दिया था। फिर भी पुलिस मंदिर में घुसी और तोड़ फोड़ करनी शुरु कर दी। 

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ग्रामीण तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय सब्यसाची दत्ता के खिलाफ नारेबाजी भी की। 

पुलिस आरोप लगा रही है कि गांव वालों ने उनके उपर हमला किया और उनके एक अधिकारी को घायल कर दिया। 

यहां मामला हाथ से निकलता देखकर जोन एक के जिलाधिकारी रविन्द्रनाथ बनर्जी और असिस्टेंड कमिश्नर ऑफ पुलिस अनिमेश रे घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। उन्होंने इस मामले की जांच करने और दोषियों को सजा देने का ऐलान किया है। 

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 न्यू टाउन तेज गति से विकसित होता हुआ उत्तर 24 परगना जिले का एक शहर है। 

हाल ही में मुस्लिम कट्टरपंथियों ने सरस्वती पूजा पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। जिसका कड़ा विरोध हुआ था। 

 जानकारी मिली थी कि कट्टरपंथियों ने धमकी दी थी कि जब तक उन्हें पैगंबर मोहम्मद का जन्मदिन नबी दिवस मनाने की इजाजत नहीं दी जाएगी, तब तक वह सरस्वती पूजा मनाने नहीं देंगे। 

 पिछले साल यानी 2018 में ममता सरकार में दो मुस्लिम अधिकारियों ने सरस्वती पूजा को उत्तरी दिनाजपुर जिले के प्राथमिक विद्यालयों में वार्षिक छुट्टियों की लिस्ट से निकाल दिया था। बाद में बहुत विरोध के बाद इस छुट्टी को लिस्ट में शामिल किया गया।     
 

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