भारतीय जनता युवा मोर्चा ने दिया देश को एक युवा उमीदवार : तेजस्विनी सूर्य

By Rahul Sharma  |  First Published Mar 27, 2019, 5:34 PM IST

राजनीति के गलियारों में जिस मुद्दे पर अगर सबसे ज़्यादा "बोल बच्चन" होता है तो वो ये कि "युवाओं को आगे लाया जाये" परन्तु बहुत काम पार्टियां हैं जिन की कथनी और करनी एक जैसी होती हैं।बीजेपी की कर्नाटक समिति ने तेजस्विनी को दक्षिण कर्नाटक से अपने युवा उमीदवार के रूप में उतारकर युवाओं में एक नया जोश भर दिया है |  क्योंकि  युवा भारतीय ही "डेमोक्रेसी" का आधार है, युवा भारतीय डेमोग्राफी का बड़ा हिस्सा है, युवा भारतीय अर्थव्यवस्था में "डिमांड" को पैदा करने वाला है, और यही कारण है की दुनिया की बड़ी बड़ी कंपनियां और कॉर्पोरेट्स भारत में अपना बिज़नेस सेटअप करना चाहते हैं। 

नई दिल्ली : भारत विश्व का सबसे युवा देश है, जनसंख्या के आंकड़े ये साफ़ बताते हैं कि भारत की 65 % आबादी की आयु 35 वर्ष से कम है और 50 % आबादी की आयु 25 % से कम, अनुमान लगाए जा रहा हैं कि 2020 तक भारत में औसतन आयु 29 वर्ष होगी वही चीन में औसतन आयु 37 और जापान में 48 वर्ष औसतन आयु होगी |

अब ऐसा युवा देश एक असीम ऊर्जा का प्रतीक क्यों न हो, परन्तु ये तभी संभव है अगर देश का युवा आगे आये और देश के संचालन में युवाओं की भागीदारी हो | 

शायद इसीलिए देश के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी हर देश को चुनौती देते हुए कहते हैं कि भारत के पास वो तीन ताकतें हैं जो शायद ही किसी के पास इतनी ज्यादा संख्या में हो -"डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और डिमांड " और इन तीनों ताक़तों के पीछे जो ऊर्जा है वो है "युवा"।   युवा भारतीय "डेमोक्रेसी" का आधार है, युवा भारतीय डेमोग्राफी का बड़ा हिस्सा है, युवा भारतीय अर्थव्यवस्था में "डिमांड" को पैदा करने वाला है, और यही कारण है की दुनिया की बड़ी बड़ी कंपनियां और कॉर्पोरेट्स भारत में अपना बिज़नेस सेटअप करना चाहती हैं ताकि भारतीय युवाओं की ऊर्जा का इस्तेमाल कर सके| 

भारतीय जनता युवा मोर्चा: 

भारतीय राजनीति में युवाओं का होना एक विकल्प नहीं जरूरत है | एक दौर था जब राजनीति को बड़े पूंजीपतियों और खानदानों की जागीर समझा जा सकता था लेकिन भाजपा के उदय से और एक चायवाले के प्रधानमंत्री बनने से भारतीय राजनीति में एक क्रांति आयी है | 

2014 में आये बदलाव में जहाँ एक तरह एक साधारण तबके से उठा हुआ व्यक्ति देश का प्रधान मंत्री बन गया जिसने युवाओ की उम्मीदें हरी कर दी।  ऐसे प्रधानमंत्री ने आज के युवाओं को विश्वास दिलाया कि राजनीति में मेहनत, लगन, और ईमानदारी से भी अपना स्थान बनाया जा सकता है और उसी उम्मीद और सपने को भाजपा की सांसद पूनम महाजन ने 2016 से एक दिशा दी, जब उन्होंने भाजपा के युवा संगठन भारतीय जन युवा मोर्चा(BJYM ) की बागडोर राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर संभाली, भाजपा के युवा संगठन भारतीय जन युवा मोर्चा, की स्थापना 1978 में हुई थी। जिसके पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष थे कलराज मिश्रा और भाजपा के कई दिग्गज नेता इस संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में काम कर चुके हैं। जिनमें  राजनाथ सिंह,प्रमोद महाजन,उमा भारती, जे पी नड्डा  और  शिवराज सिंह चौहान जैसे बड़े नाम शामिल हैं| 

आज देश के हर प्रदेश में ये संगठन बहुत ही तेजी से अपना विस्तार कर रहा है| यह संगठन एक बहुत ही व्यवस्थित धन से संचालित होता है जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर वालंटियर तक हर पद पर सामान ऊर्जा से कार्य होता है | सोशल मीडिया, लॉ, फाइनेंस समिति, कल्चर समिति, खेल समिति जैसे कई विभाग इस संगठन में सम्मिलित हैं | और इसी संगठन ने दिया भारत को उसका सबसे युवा संसदीय उमीदवार तेजस्वनी सूर्य | 

बीजेपी की कर्नाटक समिति ने तेजस्विनी को दक्षिण कर्नाटक से अपने युवा उमीदवार के रूप में उतारकर युवाओं में एक नया जोश भर दिया है | तेजस्वनी( 28 साल) जो पेशे से एक लॉ ग्रेजुएट हैं और एक दशक से बीजेपी की सोशल मीडिया टीम से जुड़े हुए हैं, माना जा रहा है की तेजस्वनी को अमित शाह और नरेंद्र मोदी ने उनकी कार्यशैली और अच्छा प्रवक्ता होने के कारण ये मौका दिया है | 

बीजेपी के इस कदम को सोशल मीडिया पर बहुत सराहा जा रहा है, सभी लोगो ने इसे कांग्रेस के वंशवाद की राजनीति पर प्रहार बताया है | साथ ही साथ युवा जो भाजपा के संगठन जन युवा मोर्चा से जुड़े हैं उनमें भी एक नयी ऊर्जा भर दी है | भाजपा के इस फैसले ने इस युवा संगठन को और सशक्त किया है और कहीं न कहीं ये युवा संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम महाजन के लिए एक उपलब्धि है की उनकी सोच और कर्मठता ने एक युवा को इस मुकाम पर पहुँचाया | 

ये एक आम बात नहीं है, जहाँ बाकि सारी पार्टियों ने वंशवाद को आगे बढ़ाने का काम किया वही भाजपा ने एक चायवाले को प्रधानमंत्री बनाया और अब भारतीय जन युवा मोर्चा ने एक युवा इस काबिल बनाया की वो 28 की उम्र में संसदीय चुनाव लड़ रहा है | ये निश्चय ही एक नए भारत की शुरुआत है जिसमें पूनम महाजन ने एक अहम भूमिका निभाई है ।

आईये देखते हैं, कई और युवा जो 2014 में सांसद बने- 

1 दुष्यन्त चौटाला 

वह एक पूर्व सांसद अजय चौटाला के पुत्र है,दुष्यन्त की उम्र 26 साल थी जब वो संसद बने और वो अब तक के सबसे काम उम्र के सांसद हैं वो हिसार संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं.

2 डॉ. हिना गावित

30 साल की उम्र में बीजेपी की सांसद ने 2014  में 9 बार सांसद रहे माणिकराव होडल्या गावित को नंदुरबार से चुनाव हराकर संसद में प्रवेश किया |

3 .राजेशभाई चुड़ासमा 


32 साल की उम्र में राजेश चुड़ासमा गुजरात से लोकसभा के सांसद बने उन्होंने कांग्रेस की चन्द्रिका चुड़ासमा को हराया था। 

4 सावित्री ठाकुर 

35 साल की उम्र में सांसद बानी सवित्री ठाकुर ने मध्य प्रदेश के धार संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस की उमंग सिंघर को हराया था । सावित्री बीजेपी की सांसद हैं 


5 पूनम महाजन 

पूनम महाजन पूर्व दिग्गज नेता प्रमोद महाजन की बेटी हैं जिन्होंने 2014 मुंबई नार्थ-सेंट्रल संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस की प्रिया दत्त को हराकर जीत दर्ज की थी 

6 रक्षा खड़से 


26 साल की उम्र में रक्षा खड़से ने रावेर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के मनीष दादा जैन को हराकर जीत दर्ज की थी 

7 अभिषेक सिंह 


33 साल की उम्र में राजनांदगाव सीट से कांग्रेस के कमलेश्वर वर्मा को हराकर जीत दर्ज की थी। 

8 चिराग पासवान 

34 साल की उम्र लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग ने 32 साल की उम्र 2014 में जमुई संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीता था 

9 अंजू बाला 

35 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश की मिसरिख संसदीय क्षेत्र से 2014 में चुनाव जीतकर अंजू बाला ने संसद में कदम रखा 

10 डिंपल यादव 

33 साल की उम्र में  2012 के उप-चुनाव में निर्विरोधित जीत करके डिम्पल यादव ने 44 उन नेताओ में नाम दर्ज किया था जिन्होंने बिना प्रतिद्वंदी के चुनाव जीता हो|

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