ईवीएम में बंद हुई कर्नाटक की भाजपा सरकार की किस्मत

By Team MyNationFirst Published Dec 5, 2019, 9:57 PM IST
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आज राज्य की 15 विधानसभा सीटों पर मतदान हो गया है। राज्य में चुनाव आयोग के मुताबिक 66.25 फीसदी वोटिंग हुई है। भाजपा ने राज्य की सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। जबकि विपक्षी दलो कांग्रेस और जेडीएस ने भी अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था। हालांकि इस विधानसभा चुनाव की तरह कांग्रेस और जेडीएस ने अलग अलग चुनाव लड़ा। लेकिन इस बार स्थिति थोड़ी अलग है।

बंगलूरू। कर्नाटक में 15 सीटों के लिए हुए उपचुनाव के बाद अब कर्नाटक की भाजपा सरकार किस्मत ईवीएम में बंद हो गई है। क्योंकि राज्य में हुए ये उपचुनाव राज्य की येदियुरप्पा सरकार की कीमत तय करेंगे। हालांकि भाजपा का दावा है कि वह 15 सीटें जीतेगी। अगर भाजपा 6 से ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब रहती है तो उसकी सरकार को कोई खतरा नहीं होगा। 

आज राज्य की 15 विधानसभा सीटों पर मतदान हो गया है। राज्य में चुनाव आयोग के मुताबिक 66.25 फीसदी वोटिंग हुई है। भाजपा ने राज्य की सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। जबकि विपक्षी दलो कांग्रेस और जेडीएस ने भी अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था। हालांकि इस विधानसभा चुनाव की तरह कांग्रेस और जेडीएस ने अलग अलग चुनाव लड़ा।

लेकिन इस बार स्थिति थोड़ी अलग है। क्योंकि कांग्रेस और जेडीएस का गठबंधन टूट गया है जबकि दोनों दलों ने राज्य में एक साल से ज्यादा सरकार चलाई। हालांकि पिछले दिनों जेडीएस ने भाजपा के खिलाफ नरम रूख दिखाया। क्योंकि कांग्रेस का कहा था कि राज्य मध्यावति चुनाव होंगे। लेकिन जेडीएस ने कहा कि वह राज्य सरकार को गिराने के लिए कोई कार्य नहीं करेगी।

फिलहाल राज्य की येदियुरप्पा सरकार को सरकार बचाने के लिए छह विधायकों की जरूरत होगा। क्योंकि 15 विधायकों की संख्या सदन में बढ़ जाने के कारण सरकार को सदन में ज्यादा विधायकों की जरूरत होगी। उपचुनाव के नतीजे 9 दिसंबर को आएंगे। फिलहाल सदन में विधायकों की संख्या 208 है। इसमें भाजपा के 105 तो कांग्रेस के 66 और जेडीएस के 34 विधायक हैं। वहीं इन विधायकों के जीत जाने से भाजपा को सदन में 211 विधायकों की जरूरत होगी।

नौ दिसंबर को  चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के भविष्य का फैसला तय होगा। जानकारी के मुताबिक 15 सीटों के परिणाम घोषित होने के बाद विधानसभा की क्षमता 223 हो जाएगी। ऐसे में भाजपा सरकार को बहुमत के लिए 111 विधायकों की जरूरत होगी। हालांकि अभी दो सीटें मस्की और आरआर नगर पर चुनाव नहीं कराया जा रहा है।
 

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