विधानसभा उपचुनाव के लिए जमीन पर तैयार है भाजपा तो सोशल मीडिया में रणनीति बना रही है कांग्रेस

By Team MyNationFirst Published Jun 18, 2020, 8:34 AM IST
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राज्य में कांग्रेस को सत्ता में वापसी करनी तो उसे उपचुनाव की सभी  सीटों पर जीतना होगा।  लेकिन राज्य में कांग्रेस से हालात काफी खराब दिख रहे हैं। न तो कार्यकर्ताओं में कोई जोश दिख रहा है और न नेताओं में। वहीं कांग्रेस के रणनीतिकार सोशल मीडिया और मीडिया में ही रणनीति बनाकर भाजपा को हराने के मंसूबे पाले हुए हैं।

नई दिल्ली। राज्य में होने वाले विधानसभा की 24 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। लेकिन अगर तैयारियों की बात करें तो जहां भाजपा जमीन से लेकर सोशल मीडिया में तैयारियों में जुटी है वहीं कांग्रेसल सत्ता से बाहर जाने की हताशा से उबर नहीं पाई है और चुनाव की तैयारियों सिर्फ सोशल मीडिया में बना रही है। उपचुनाव को लेकर कांग्रेस में उत्साह नहीं देखा जा रहा है। क्योंकि राज्य की जिन 24 सीटों पर चुनाव होना हैं उसमें ज्यादातर सीटें ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ की हैं और वहां कांग्रेस का संगठन पूरी तरह से कमजोर हो गया है। जबकि भाजपा उपचुनाव के लिए मजबूती के साथ तैयारी कर रही है।


राज्य में कांग्रेस को सत्ता में वापसी करनी तो उसे उपचुनाव की सभी  सीटों पर जीतना होगा।  लेकिन राज्य में कांग्रेस से हालात काफी खराब दिख रहे हैं। न तो कार्यकर्ताओं में कोई जोश दिख रहा है और न नेताओं में। वहीं कांग्रेस के रणनीतिकार सोशल मीडिया और मीडिया में ही रणनीति बनाकर भाजपा को हराने के मंसूबे पाले हुए हैं। राज्य में फिलहाल शिवराज सिंह सरकार को कोई खतरा नहीं है और राज्य के उपचुनावों के बाद भाजपा को सरकार बचाने के लिए महज 9 विधायकों की जरूरत होगी जबकि कांग्रेस को 24 विधायकों की जरूरत फिर से राज्य में फिर से सरकार बनाने के लिए होगी।

हालांकि कांग्रेस का दावा है कि उपचुनाव के बाद भाजपा सरकार गिर जाएगी। लेकिन इन दावों के लिए जो जमीन चाहिए वह कांग्रेस के पास नहीं दिख रही है। कांग्रेस सिर्फ भाजपा पर आक्रामक हो रही है और सोशल मीडिया में ऑडियो-वीडियो वायरल कर खेल रही है। 

वहीं अगर जमीनी हकीकत की बात की जाए तो राज्य में सिंधिया के गढ़ में कांग्रेस एक तरह से खत्म होने की कगार पर पहुंच गई है।  हालांकि कांग्रेस का दावा है कि पार्टी ने सिंधिया के गढ़ में संगठन को मजबूत कर लिया है और उपचुनाव में भाजपा को हार मिलेगी। जबकि सच्चाई ये है कि 16 सीटों पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद संगठन पूरी तरह से कमजोर हो गया है। ग्वालियर-चंबल संभाग के जिन क्षेत्रों में उपचुनाव होने हैं सिंधिया का पूरी तरह से प्रभाव है।

भाजपा ने शुरू किया दौरा

राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उपचुनाव  के लिए मोर्चा संभाल लिया है। क्योंकि  भाजपा कांग्रेस झाबुआ उपचुनाव में मिली हार का बदला लेना चाहती है। वहीं भाजपा उपचुनाव में सभी सीटें जीतने की रणनीति पर काम कर रही है। अगर भाजपा ने 24 सीटों पर जीत दर्ज की तो ये कांग्रेस के लिए बड़ा झटका होगा और सत्ता में वापसी के उसके मसूंबों पर पानी फिर जाएगा।
 

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