मतदान समाप्त होने के बाद आए एग्जिट पोल्स के नतीजों ने भाजपा को राहत की सांस दी है। क्योंकि दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार थी। लिहाजा एंटीइंकमबेंस फैक्टर हो सकता था। लेकिन मतदान के दौरान ये नहीं दिखा। इस बार महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा है जबकि पिछली बार दोनों ने अलग अलग चुनाव लड़ा था और बाद में सरकार बनाई।
नई दिल्ली। महाराष्ट्र और हरियाणा में सोमवार को हुए मतदान के बाद जारी हुए एग्जिट पोल में इन दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार बन रही है। इसको लेकर भाजपा गदगद है। हालांकि चुनाव से पहले जो सर्वे आए थे। उनमें भी इन राज्यों में भाजपा की सरकार बन रही थी। हरिय़ाणा में भाजपा के विधायकों की संख्या पिछले बार की तुलना में बढ़ रही है वहीं महाराष्ट्र में भाजपा की सीटों में इजाफा हो रहा है। जबकि कांग्रेस और एनसीपी की सीटें कम हो रही हैं।
मतदान समाप्त होने के बाद आए एग्जिट पोल्स के नतीजों ने भाजपा को राहत की सांस दी है। क्योंकि दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार थी। लिहाजा एंटीइंकमबेंस फैक्टर हो सकता था। लेकिन मतदान के दौरान ये नहीं दिखा। इस बार महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा है जबकि पिछली बार दोनों ने अलग अलग चुनाव लड़ा था और बाद में सरकार बनाई। हरियाणा में 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 47 सीटें मिली थी जबकि महाराष्ट्र में 122 सीटें मिली थी जबकि शिवसेना को 63 सीटें मिली थीं।
लेकिन इस बार माना जा रहा है कि दोनों दल 200 के आंकड़े को पार कर रही हैं। वहीं हरियाणा में सीटें 60 के आंकड़े को पार रही हैं। अगर ऐसा होता है तो इसका सीधा नुकसान महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी हो रहा है। वहीं हरियाणा में कांग्रेस और इनेलो को नुकसान दिखाई दे रहा है। फिलहाल सोमवार को हुए मतदान के नतीजे 24 अक्टूबर को आएंगे।
महाराष्ट्र की भविष्यवाणी
सोमवार को महाराष्ट्र की 288 सीटों पर हुए मतदान में ज्यादातर एक्जिट वोट भाजपा गठबंधन को 200 से ज्यादा सीटें दे रहे हैं। वहीं कांग्रेस गठबंधन को 61 सीटें मिलने की उम्मीद की जा रही है। वहीं अन्य के खाते में भी 14 सीटें जा सकती हैं।
हरियाणा के एक्जिट पोल
हरियाणा की कुल 90 सीटों पर सोमवार को वोट डाले गए। यहां सरकार बनाने के लिए 46 सीटों की जरूरत है। जबकि एक्जिट पोल में भाजपा को 60 ज्यादा सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं। वहीं कांग्रेस को महज 16 सीटों पर संतोष करना पड़ेगा। जबकि अन्य क्षेत्रीय दलों को 11 सीटें मिलती दिख रही हैं।