भाजपा के ‘चाणक्य’ जाएंगे मुंबई, सुलझेगा सीएम का विवाद

By Team MyNation  |  First Published Oct 28, 2019, 2:35 PM IST

असल में महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच सीएम के पद को लेकर विवाद है। शिवसेना 50-50 के फार्मूले के लिए दबाव बना रही है। जबकि भाजपा साफ कर चुकी है कि सीएम भाजपा का ही होगा। क्योंकि इसके लिए चुनाव से पहले तय हो गया था। लिहाजा अब 30 अक्टूबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह मुंबई जाएंगे। 

नई दिल्ली। भाजपा के ‘चाणक्य’ यानी राष्ट्रीय अध्यक्ष और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह महाराष्ट्र में सीएम के पद पर चले आ रहे विवाद को खत्म करने के लिए मुंबई जाएंगे। उम्मीद की जा रही है कि अमित शाह एक बार फिर शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिलेंगे। ताकि इस विवाद का अंत हो सके। जिस तरह सीटों के बंटवारे को लेकर अमित शाह ने शिवसेना से विवाद को खत्म किया था। वैसे ही एक बार फिर अमित शाह  इस विवाद को समाप्त करेंगे।

असल में महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच सीएम के पद को लेकर विवाद है। शिवसेना 50-50 के फार्मूले के लिए दबाव बना रही है। जबकि भाजपा साफ कर चुकी है कि सीएम भाजपा का ही होगा। क्योंकि इसके लिए चुनाव से पहले तय हो गया था। लिहाजा अब 30 अक्टूबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह मुंबई जाएंगे। हालांकि बुधवार को ही भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक हो रही है। जिसमें विधायक दल का नेता चुनाव जाएगा। इसके बाद से ही भाजपा सरकार बनाने के अन्य विकल्पों पर विचार करेगी।

माना जा रहा है कि बुधवार को अमित शाह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिलेंगे। ताकि दोनों दलों के बीच चल रहे विवाद को खत्म कर राज्य में सरकार बनाई जा सके। हालांकि बुधवार को मुंबई में विधानसभा पार्टी के नेता का चुनाव करने के लिए भाजपा के नव-निर्वाचित विधायकों की बैठक में हिस्सा लेंगे। भाजपा अध्यक्ष के साथ ही महाराष्ट्र के बड़े नेता भी इस बैठक में हिस्सा लेंगे। अभी तक शिवसेना पहले सीएम का पद चाहती है और इसके लिए आदित्य ठाकरे के नाम को शिवसेना ने आगे किया है। 

फिलहाल राज्य में भाजपा के पास 105 विधायक हैं जबकि शिवसेना के पास 56 विधायक हैं। राज्य में सरकार बनाने के लिए 145 का बहुमत चाहिए जो अकेले न तो भाजपा के पास है और न ही शिवसेना के पास। अगर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस मिलकर सरकार बनाती है तो सरकार बनाना संभव होगा। लेकिन ये शिवसेना के लिए काफी नुकसानदायक रहेगा। हालांकि शिवसेना ने भाजपा पर दबाव बनाने के लिए पांच विधायकों का समर्थन हासिल किया है। इसमें से तीन निर्दलीय दो विधायक छोटे दलों के हैं।

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