बॉम्बे हाईकोर्ट ने मराठा आरक्षण की सीमा 16 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी कर दी है। साथ ही अदालत ने इसके खिलाफ दायर की गई याचिका को भी खारिज कर दिया है।
मुंबई: हाईकोर्ट ने सरकार द्वारा मराठा समुदाय को दिए गए 16 प्रतिशत आरक्षण को अनुचित करार देते हुए इसकी सीमा घटाकर 12 फीसदी कर दी है। लेकिन खास बात यह रही कि अदालत ने इसके खिलाफ दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया। अदालत के इस कदम से महाराष्ट्र सरकार के मराठा समुदाय को आरक्षण देने के फैसले पर मुहर लग गई है।
दरअसल अदालत में एक याचिका दायर करके राज्य में मराठाओं को 16 प्रतिशत के प्रावधान की संवैधानिकता को चुनौती दी गई थी। लेकिन अदालत ने इस चुनौती को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने टिप्पण कि है कि स्टेड बैकवर्ड क्लासेज कमीशन (SEBC) की संस्तुतियों के आधार पर ही काम किया जाना चाहिए।
महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को 16 फीसदी आरक्षण देने का बिल बीते साल नवंबर महीने में पास किया गया था। राज्य के दोनों सदनों ने मराठा आरक्षण का बिल सर्वसम्मति से पास किया गया था। मराठा समुदाय को ये आरक्षण SEBC के तहत दिए जाने का प्रावधान है।
महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाकों में मराठा समुदाय ने आरक्षण की मांग को लेकर कई आंदोलन किए गए थे।