मायावती ने चुनाव परिणाम से पहले अपने करीबी नेता को निकाला पार्टी से, जानें क्या है मामला

चुनाव नतीजों से ठीक दो दिन पहले बीएसपी प्रमुख मायावती का ये बड़ा फैसला काफी अहम माना जा रहा है। उपाध्याय को मायावती का करीबी नेता माना जाता है और वह बीसएपी कद्दावर नेताओं में शुमार हैं। हालांकि तीन महीने पहले ही रामवीर की पत्नी सीमा उपाध्याय ने बीएसपी के टिकट पर लोकसभा का चुनान लड़ने के लिए मना कर दिया था।

Bsp chief mayawati expelled brahman leader ramvir upadhyaya from party

लोकसभा चुनाव के महज दो दिन पहले बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में पार्टी का ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले रामवीर उपाध्याय को पार्टी से निकाल दिया है। मायावती ने उपाध्याय को विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक पद से भी हटा दिया है। 

चुनाव नतीजों से ठीक दो दिन पहले बीएसपी प्रमुख मायावती का ये बड़ा फैसला काफी अहम माना जा रहा है। उपाध्याय को मायावती का करीबी नेता माना जाता है और वह बीसएपी कद्दावर नेताओं में शुमार हैं। हालांकि तीन महीने पहले ही रामवीर की पत्नी सीमा उपाध्याय ने बीएसपी के टिकट पर लोकसभा का चुनान लड़ने के लिए मना कर दिया था।

जबकि ये टिकट मायावती की रजामंदी पर दिया गया था। हालांकि इस बात पर मायावती भी नाराज हुई थी। बीसएपी ने सीमा को फतेहपुर सीकरी से लोकसभा का टिकट दिया था। सीमा उपाध्याय आगरा से बीएसपी की सांसद रह चुकी हैं। रामवीर उपाध्याय को पार्टी से निकालने के पीछे कुछ तस्वीरें मानी जा रही है। जिसमें वह बीजेपी के प्रत्याशी को गले लगा रहे हैं। रामवीर उपाध्याय अलीगढ़ में बीजेपी प्रत्याशी सतीश गौतम और आगरा में बीजेपी के ही प्रत्याशी एसपी बघेल के साथ भी दिखे थे।

हालांकि बीएसपी का कहना है कि रामवीर उपाध्याय पार्टी के खिलाफ गतिविधियों में शामिल थे और जिसे अनुशासनहीनता माना जा रहा। लिहाजा उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। बीएसपी ने रामवीर पर ये भी आरोप लगाया कि उन्होंने आगरा, फतेहपुर सीकरी, अलीगढ़ में पार्टी के प्रत्याशियों का विरोध किया। यही नहीं बीएसपी ने उपाध्याय को पार्टी के विधानसभा में मुख्य सचेतक पद से भी हटा दिया है।
 

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