बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने एक बार फिर अपने तेवर दिखा दिए हैं। उन्होंने बिहार में महागठबंधन का आइना दिखा दिया है। वह यहां पर राष्ट्रीय जनता दल या कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेंगी।
आगामी लोकसभा चुनाव में मायावती ने एक बार फिर से कांग्रेस को ठेंगा दिखा दिया है। यही नहीं उन्होंने सपा और बसपा के गठबंधन का सुझाव देने वाले लालू यादव को भी हैरान कर दिया है।
बहुजन समाज पार्टी बिहार की सभी 40 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। जो कि बीजेपी के खिलाफ बन रहे महागठबंधन के लिए बड़ा झटका है।
बिहार में बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष भरत बिंद ने भी अकेले चुनाव लड़ने की पुष्टि कर दी है। उन्होंने एक बयान जारी करके बताया कि ‘अध्यक्ष मायावती ने इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बिहार को निर्देश जारी किया है। इसके मुताबिक पार्टी सभी 40 सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ेगी। पूरे राज्य में बीएसपी के जनाधार को बढ़ाने का प्रयास शुरू कर दिया गया है’।
इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए बीएसपी प्रमुख मायावती ने दिल्ली में बिहार के नेताओं की बैठक बुलाई है।
बिहार में महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस, एलजेडी, आरएलएसपी, हम और वीआईपी पार्टी शामिल हैं। लेकिन मायावती के इस गठबंधन में शामिल नहीं होने से बिहार में महागठबंधन की संभावनाएं धूमिल पड़ सकती हैं। क्योंकि बीएसपी के अलग लड़ने से एनडीए विरोधी वोटों का बंटवारा हो जाएगा।
हाल ही में मायावती के जन्मदिन पर राजद सुप्रीमो लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव लखनऊ पहुंचे थे। जहां उन्होंने मायावती के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लिया था। जिसके बाद यह चर्चा हो रही थी कि यूपी की तरह बिहार में भी मायावती महागठबंधन में शामिल हो सकती हैं।
यूपी की 80 सीटों में से बीएसपी 38 और समाजवादी पार्टी 37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। लेकिन बिहार में अकेले लड़ने की घोषणा ने महागठबंधन के नेताओं की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।