राय के लिए राहत की बात यह है कि राय कभी भी शपथ ले सकते है। कानून में इसके लिए कोई समय सीमा तय नही किया गया है। बता दें कि साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति ए. के पटनायक और न्यायमूर्ति एस. जे मुखोपाध्याय की बेंच ने फैसला देते हुए कहा था कि संविधान के धारा 326 के तहत जो भी भारतीय है उसे वोट देने और चुनाव लड़ने का अधिकार है।
महागठबंधन से मऊ जिले की घोसी लोकसभा सीट से बीएसपी सांसद अतुल राय भले ही लोकसभा का चुनाव जीत गए है लेकिन वो तब तक शपथ नही ले सकते है जब तक उन्हें जमानत नही मिल जाता। अतुल राय को पुलिस अगर गिरफ्तार कर लेती है तो राय जेल में रहते हुए शपथ लेने के लिए निचली अदालत से पैरोल की मांग कर सकते है।
लेकिन राय के लिए राहत की बात यह है कि राय कभी भी शपथ ले सकते है। कानून में इसके लिए कोई समय सीमा तय नही किया गया है। बता दें कि साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति ए. के पटनायक और न्यायमूर्ति एस. जे मुखोपाध्याय की बेंच ने फैसला देते हुए कहा था कि संविधान के धारा 326 के तहत जो भी भारतीय है उसे वोट देने और चुनाव लड़ने का अधिकार है।
जो लोग संविधान के तहत अयोग्य नही है, वे चुनाव में वोटिंग कर सकते हैं और चुनाव भी लड़ सकते हैं। धारा 326 के तहत संसद ने रिप्रजेंटेटिव ऑफ पीपल एक्ट यानि आरपीए बनाया। जिसके तहत वोटर्स रजिस्टर्ड किए जाते हैं। इसके तहत चुनाव कंडक्ट करने का भी प्रावधान है।
आरपीए की धारा 4 के तहत प्रावधान है कि जो लोग वोटर हैं वही लोकसभा के सदस्य हो सकते है, जबकि सेक्सन-5 कहता है कि जो लोग वोटर हैं वह एमएलए बन सकते हैं। वही धारा 62 (5) के तहत वोट देने के अधिकार के बारे में व्याख्या है। वह शख्स वोट नहीं दे सकता जो जेल में सजा काट रहा है या निर्वासन या फिर अन्य तरह से या फिर कानूनी तरह से पुलिस कस्टडी में है। ऐसे लोगो को वोटिंग का अधिकार नहीं होता। हालांकि, यह धारा प्रिवेंशन डिटेंशन पर लागू नही होता है।
एक मामले की सुनवाई के दौरान पटना हाइकोर्ट में दलील दी गई कि वह शख्स जो जेल में सजा काट रहा हो या दूसरी तरह से या फिर निर्वासन में हो या फिर पुलिस कस्टडी में हो वह धारा 62 (5) के तहत वोट नही दे कहता। इस तरह उसे चुनाव लड़ने का भी अधिकार नहीं है।
क्योंकि आरपीए की धारा 4 व 5 कहता है कि जो लोग वोटर हैं वही लोक सभा या फिर विधानसभा की योग्यता रखते हैं। ज्ञात हो कि अतुल राय पर आरोप है कि सात मार्च 2018 को पीड़िता को अपनी पत्नी से मिलाने के बहाने रेस्टोरेंट में बुलाया और उसे कमरे में ले जाकर दुष्कर्म किया। इसका वीडियो सीसीटीवी कैमरे से बना लिया और फिर पीड़िता को धमकाने लगा। उसने वीडियो वायरल भी कर दिया। 1 मई 2019 को वाराणसी के लंका थाने में इसकी एफआईआर दर्ज कराई गई है। गौरतलब है कि अतुल राय पर हत्या, अपहरण और बलात्कार सहित कुल 42 आपराधिक मामले चल रहे है।