उपचुनाव से पहले मध्य प्रदेश में बसपा ने बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलें

By Team MyNationFirst Published May 23, 2020, 8:02 AM IST
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बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती कांग्रेस को लेकर काफी समय से आक्रामक हैं। मायावती ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बैठक से दूरी बनाकर रखी थी। वहीं मायावती कांग्रेस शासित राज्यों को लेकर भी आक्रामक हैं। राजस्थान सरकार पर मायावती पहले से ही आक्रामक हैं क्योंकि कांग्रेस ने बसपा के छह विधायकों को तोड़कर कांग्रेस में शामिल कर लिया था जबकि बसपा राजस्थान की कांग्रेस सरकार को बाहर से समर्थन दे रही थी।

नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी में मध्य प्रदेश में 24 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव से पहले ही कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी है। बसपा ने इन चुनावों में हिस्सा लेने का फैसला किया है।  जाहिर है बसपा के चुनाव लड़ने से सीधा नुकसान कांग्रेस को होगा और भाजपा को इससे सीधे तौर पर फायदा मिलेगा।  इसको लेकर अब  कांग्रेस में मंथन का दौर शुरू हो गया है। ताकि बसपा को मनाया जा सके।

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती कांग्रेस को लेकर काफी समय से आक्रामक हैं। मायावती ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बैठक से दूरी बनाकर रखी थी। वहीं मायावती कांग्रेस शासित राज्यों को लेकर भी आक्रामक हैं। राजस्थान सरकार पर मायावती पहले से ही आक्रामक हैं क्योंकि कांग्रेस ने बसपा के छह विधायकों को तोड़कर कांग्रेस में शामिल कर लिया था जबकि बसपा राजस्थान की कांग्रेस सरकार को बाहर से समर्थन दे रही थी।

 वहीं मध्य प्रदेश में भी बसपा के दो विधायकों ने कांग्रेस सरकार को बाहर से समर्थन दिया था। वहीं अब बसपा ने कांग्रेस की मुश्किलें मध्य प्रदेश में बढ़ा दी है। बसपा ने राज्य  में होने वाले उपचुनाव  में उतरने का फैसला किया है।  हालांकि पहले बसपा उपचुनाव में हिस्सा नहीं लेती थी। लेकिन पिछले साल बसपा ने उत्तर प्रदेश में हुए उपचुनाव में हिस्सा लेकर सबको चौंका दिया था।

लिहाजा अब  मध्यप्रदेश में बसपा के मैदान में उतरने से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इसका सीधा नुकसान कांग्रेस को होगा। हालांकि कांग्रेस इसे नकार रही है। लेकिन सच्चाई ये है कि बसपा जीतने की  स्थिति में भले ही न हो, लेकिन अन्य दलों को हराने की स्थिति में जरूर होती है। मध्यप्रदेश में लगभग डेढ़ साल तक बसपा ने कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया और अब बसपा कांग्रेस के खिलाफ मैदान में होगी।

गौरतलब है कि राज्य में पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के 22 समर्थक विधायकों द्वारा कांग्रेस से बगावत करने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद ये सीटें खाली हैं और इन सीटों पर छह महीने के भीतर चुनाव होने हैं।  वहीं दो सीटें पहले से ही खाली थी। लिहाजा अब राज्य में 24 सीटों पर उपचुना होने हैं। कांग्रेस के लिए परेशानी की बात ये है कि जिन सीटों पर चुनाव होने हैं वह यूपी बार्डर से सटे हुए हैं और इन सीटों पर बसपा का खासा प्रभाव है।

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