मायावती ने लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था और तीन दिन पहले ही उन्होंने ये गठबंधन तोड़ दिया है। लोकसभा चुनाव में बीएसपी को 10 सीटें मिली जबकि एसपी को महज 5 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था।
लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने वाली बहुजन समाज पार्टी ने राज्य में बीजेपी ही नहीं एसपी को नुकसान पहुंचाने के लिए आपरेशन ‘घर वापसी’ को शुरू किया है। जो सीधे तौर पर अखिलेश यादव का नुकसान पहुंचाएगा। बीएसपी अब उन नेताओं को पार्टी में वापस लाना चाहती है तो नाराज होकर अन्य दलों में चल गए हैं। इसके लिए बीएसपी प्रमुख मायावती ने हरी झंडी दे दी है।
बीएसपी ने पार्टी से निकाले गए और नाराजगी के कारण पार्टी छोड़ने वाले नेताओं की घर वापसी को शुरू कर दिया है। इसके जरिए बीएसपी खुद को फिर मजबूत करने की तैयारी में है। राज्य में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले कई नेता ने बीएसपी का दामन छोड़कर बीजेपी, कांग्रेस और एसपी की सदस्यता ली थी। ये नेता कभी मायावती के करीबी होने के साथ ही पार्टी में मजबूत माने जाते थे। लेकिन कुछ मुद्दों पर मतभेद होने के कारण इन नेताओं ने पार्टी से किनारा कर लिया था।
बीएसपी मुखिया मायावती ने पार्टी को मजबूत करने के लिए इस आपरेशन को हरी झंडी दे दी है। ताकि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को मजबूत किया जा सके और चुनाव जीता जा सके। हालांकि मायावती के इस कदम से सबसे ज्यादा नुकसान अखिलेश यादव को ही होगा। क्योंकि बीएसपी छोड़ने वाले ज्यादातर नेता एसपी में ही गये हैं। हालांकि मायावती ने अपने नेताओं से साफ कह दिया है, जिन नेताओं ने पार्टी और उनके खिलाफ बयान दिए हैं, उन्हें किसी भी तरह पार्टी में शामिल न किया जाए।
माया ने इसका संकेत दिया है कि जिन लोगों को पार्टी ने किसी मतभेद और गलतफहमी के कारण निकाला गया था, उन्हें शामिल किया जाए। गौरतलब है कि मायावती ने लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था और तीन दिन पहले ही उन्होंने ये गठबंधन तोड़ दिया है। लोकसभा चुनाव में बीएसपी को 10 सीटें मिली जबकि एसपी को महज 5 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था।