बसपा फिर देगी विपक्षी दलों को झटका, जानें माया ने क्या लिया फैसला

By Team MyNation  |  First Published Jan 13, 2020, 8:20 AM IST

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की कोशिश है कि नागरिकता कानून को लेकर केन्द्र सरकार पर दबाव बनाया जाए। ताकि वह इस कानून को वापस ले। हालांकि अभी तक केन्द्र सरकार किसी भी मामले में पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। वहीं विपक्षी दल सरकार पर दबाव बनाने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 

नई दिल्ली। संशोधित नागरिकता कानून पर विपक्षी दलों ने आज बैठक बुलाई। हालांकि इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हिस्सा नहीं ले रही हैं। वहीं बहुजन समाज पार्टी भी इस बैठक से दूरी बना सकती है। माना जा रहा है कि इस बैठक में बसपा के नेता शामिल नहीं होंगे।

बसपा प्रमुख मायावती कांग्रेस से नाराज हैं। लिहाजा वह इस बैठक से दूरी बनाकर चल रही हैं। हालांकि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की कोशिश है कि नागरिकता कानून को लेकर केन्द्र सरकार पर दबाव बनाया जाए। ताकि वह इस कानून को वापस ले। हालांकि अभी तक केन्द्र सरकार किसी भी मामले में पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। वहीं विपक्षी दल सरकार पर दबाव बनाने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विपक्षी दलों ने आज इसके लिए दिल्ली में बैठक बुलाई है।

माना जा रहा है कि इस बैठक में बसपा के शामिल होने के आसार कम ही हैं। हालांकि इससे पहले बसपा विपक्षी दलों को झटका दे चुकी है। जब सभी विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से नागरिकता कानून को लेकर मुलाकात की थी। तो बसपा भी उस दल में शामिल नहीं थी। माना जा रहा है कि विपक्षी दलों की आज होने वाली बैठक में बसपा का भी नेता शामिल नहीं होगा। वहीं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी पहले ही इस बैठक में आने से स्पष्ट इंकार कर चुकी हैं। जबकि वह इस कानून का पुरजोर से विरोध कर रही हैं।

बसपा प्रमुख मायावती कांग्रेस से नाराज चल रही हैं। क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस सरकार को समर्थन देने के बावजूद कांग्रेस ने बसपा के छह विधायकों को तोड़ लिया है। जिसके बाद अब राजस्थान में बसपा का एक भी विधायक नहीं है। वहीं उत्तर प्रदेश में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की सक्रियता को लेकर मायावती नाराज हैं। पिछले दिनों प्रियंका और मायावती में ट्विटर वार हो चुका है। मायावती प्रियंका को कोटा के मामले में घेर चुकी हैं तो प्रियंका ने कहा कि मायावती को कोटा जाना चाहिए था।
 

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