हालांकि राज्य में नई सरकार बनने के बाद से ही नौकरशाही को इसका अंदाजा लग गया था कि राज्य की नौकरशाही में बदलाव होगा और पिछले 15 महीनों से साइडलाइन किए अफसर मुख्यधारा में वापस आएंगे और कमलनाथ के करीबी अफसरों को साइड लाइन किया जाएगा।
भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकार बदलने का असर नौकरशाही पर भी देखा जा रहा है। राज्य में अभी तक पूर्व कमलनाथ के करीबी माने जाने वाले अफसरों में खौफ देखा जा रहा है। क्योंकि ये तय है कि आने वाले दिनों में इन अफसरों पर राज्य सरकार की गाज गिरेगी। राज्य में मुख्यमंत्री बनने के साथ ही शिवराज सिंह अपने करीबी अफसर माने जाने वाले इकबाल सिंह बैस को राज्य का नया मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया है। वहीं पिछले दिनों भाजपा कार्यकर्ता को छप्पड़ मारने के बाद सुर्खियों में आई राजगढ़ की कलेक्टर निधि निवेदिता को हटा दिया है। निवेदिता ने भाजपा नेता को थप्पड़ मारा था, क्योंकि भाजपा कार्यकर्ता सीएए का समर्थन कर रहे थे।
हालांकि राज्य में नई सरकार बनने के बाद से ही नौकरशाही को इसका अंदाजा लग गया था कि राज्य की नौकरशाही में बदलाव होगा और पिछले 15 महीनों से साइडलाइन किए अफसर मुख्यधारा में वापस आएंगे और कमलनाथ के करीबी अफसरों को साइड लाइन किया जाएगा। लिहाजा राज्य में सीएम बनने के साथ ही सीएम शिवराज सिंह ने इसकी शुरूआत कर दी है। उन्होंने राजस्व परिषद के अध्यक्ष इकबाल सिंह बैस को राज्य का नया मुख्यसचिव नियुक्त किया है।
जबकि इस साल 19 जनवरी को भाजपा कार्यकर्ता को थप्पड़ मारने वाली निधि निवेदिता को राजगढ़ के कलेक्टर के पद से हटा दिया गया है। निवेदिता भाजपा कार्यकर्ता को थप्पड़ मारने के बाद चर्चा में आई थी और तब शिवराज सिंह ने कहा था कि राज्य में कमलनाथ सरकार के इन अफसरों को आने वाले दिनों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। वहीं सीएए के समर्थकों से भिड़ने वालीं एसडीएम प्रिया वर्मा को भी हटा दिया गया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने रीवा नगर निगम कमिश्नर सभाजीत यादव को भी हटा दिया गया है।
फिर काबिज होंगे सिंधिया के करीबी अफसर
पिछले दिनों राज्य की तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाने वाले अफसरों को ग्वालियर जोन से हटा दिए थे। क्योंकि सिंधिया कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद कमलनाथ सरकार ने ग्वालियर इलाके के कई जिलाधिकारियों को हटाकर दोयम दर्जे के पदों पर नियुक्त कर दिया था। लेकिन अब माना जा रहा है कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद ग्वालियर और उसके आसपास के इलाकों में सिंधिया और भाजपा नेताओं के पसंद के अफसरों को तैनात किया जाएगा।