बदलने लगी हैं सरकारी बाबूओं की ‘निष्ठा’, कांग्रेस को साधने में जुटे नौकरशाह

By Harish Tiwari  |  First Published Dec 12, 2018, 5:19 PM IST

ये तो तय है कि अभी तक सत्ता की आंख और कान बने नौकरशाहों की “पावर कॉरिडोर” से विदाई तय है। जाहिर है कि ज्यादातर इन अफसरों को अब शंटिंग पोस्टिंग में भेजा जाएगा। क्योंकि इन अफसरों से कांग्रेस के नेताओं को शिकायतें रही हैं। फिलहाल मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह, सचिव के. सुब्रमण्यम और स्पेशल सेक्रटरी सुबोध कुमार सिंह नियुक्त हैं। इन तीनों का बदला जाना तय है। 

 छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने रही है। सरकार बनने के साथ ही सरकारी बाबू यानी नौकरशाहों की भी निष्ठाएं बदलने लगी है। हालांकि अभी तक मुख्यमंत्री कौन होगा तय नहीं है। लेकिन नौकरशाहों ने संभावित मुख्यमंत्रियों और कैबिनेट के मंत्रियों के दरवाजों पर दस्तक देना शुरू कर दिया है। कुछ नौकरशाह सीधे तौर पर संभावित नौकरशाहों से संपर्क कर रहे हैं। तो कुछ अपने खास कांग्रेसी नेताओं के जरिए संपर्क साध रहे हैं। 
पिछले पन्द्रह साल राज्य की सत्ता पर भाजपा का कब्जा रहा है। ऐसे में नौकरशाहों की निष्ठा भाजपा के साथ रही होगी। लेकिन पन्द्रह साल बाद राज्य में बदलाव हो रहा है। ऐसे में नौकरशाह परेशान हैं। ये तो तय है कि अभी तक सत्ता की आंख और कान बने नौकरशाहों की “पावर कॉरिडोर” से विदाई तय है। जाहिर है कि ज्यादातर इन अफसरों को अब शंटिंग पोस्टिंग में भेजा जाएगा। क्योंकि इन अफसरों से कांग्रेस के नेताओं को शिकायतें रही हैं।

फिलहाल मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री रिटायर आईआरएस अफसर अमन कुमार सिंह, सचिव आईएफएस अफसर के. सुब्रमण्यम और स्पेशल सेक्रटरी आईएएस अफसर सुबोध कुमार सिंह नियुक्त हैं। इन तीनों का बदला जाना तय है। असल में कई अफसर तो कांग्रेस के विधायकों को तवज्जो भी नहीं देते थे। ऐसे में कांग्रेस के नेताओं का नाराज होना लाजमी है। अब नौकरशाहों की भी असली समस्या ये है कि उन्होंने पन्द्रह साल से एक ही सरकार के साथ काम किया है। लिहाजा नई सरकार से सामंजस्य बनाना इतना आसान नहीं हैं। हालांकि अभी तक कांग्रेस ने राज्य में मुख्यमंत्री के नाम तय नहीं किया है। लेकिन चार संभावित मुख्यमंत्रियों के नाम सत्ता के गलियारों में चल रहे ह

राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही राज्य के मुख्यसचिव, पुलिस प्रमुख से लेकर जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को भी बदला जाएगा। ऐसे में हर कोई अपने अपने स्तर से राज्य की नई सत्ता से जुड़ना चाहता है। भाजपा की सरकार के दौरान राज्य में विपक्ष के नेता रहे टीएस सिंह देव के घर में बधाई देने वाले नौकरशाहों का तांता लगा हुआ है। सरगुजा के आयुक्त टामन सिंह सोनवानी, पुलिस महानिरीक्षक हिमांशु गुप्ता उनसे मिलने पहुंचे थे। इसके साथ ही अंबिकापुर के एसपी सदानंद कुमार ने भी उनसे मुलाकात की और बधाई। वहीं प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल के घर भी अफसर बधाई देने पहुंच रहे हैं।

राज्य में नई सरकार के बनने से पहले ही छत्तीसगढ़ के निवर्तमान सीएम डॉ. रमन सिंह के प्रमुख सचिव अमन सिंह लंबी छुट्टी पर चले गए हैं। अमन कुमार  सिंह को रमन सिंह की सरकार में सुपर सीएम का कहा जाता था। फिलहाल उनके जगह विशेष सचिव सुबोध सिंह सीएम सचिवालय की जिम्मेदारी संभालेंगे। अमन सिंह को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का सबसे भरोसेमंद व्यक्ति कहा जाता है। अमन सिंह का नाम राज्य के सबसे ताकतवर नौकरशाहों में शामिल था।

वह सरकार और सत्ता के बीच सेतु का काम करते थे और उन पर सत्ता विरोधी लहर से बचाने के लिए जिम्मेदारी भी थी और इसके लिए उन्होंने कई तरह की प्रचार प्रसार की योजनाएं शुरू की थी। लेकिन इसका फायदा सरकार को नहीं मिला। अमन कुमार सिंह की पकड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह भारतीय राजस्व सेवा के रिटायर अफसर थे और उसके बावजूद राज्य में मुख्यमंत्री के सचिव के पद पर नियुक्त थे।

इसके साथ ही राज्य के योजना आयोग के उपाध्यक्ष और मुख्यमंत्री के सलाहकार सुशील कुमार ने भी इस्तीफा दे दिया है। कुमार राज्य के मुख्य सचिव भी रह चुके हैं। बहरहाल राज्य के कई अफसरों ने केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति में जाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं, तो कुछ अफसर जो प्रतिनियुक्ति में नहीं आ सकते हैं। वह ये मान कर चल रहे हैं कि उन्हें रिटायर राज्य से ही होना है। प्रतिनियुक्ति के नियम के मुताबिक एडिशनल सेक्रेटरी और सेक्रेटरी के पद के लिए अखिल भारतीय सेवा के अफसर को संयुक्त सचिव और निदेशक के पद पर केन्द्रीयप्रतिनियुक्ति में कार्य करने का अनुभव होना चाहिए। हालांकि केन्द्रीय नियुक्त के कुछ अफसर नई सरकार के बनने के साथ ही राज्य के सेवा में वापस जरूर जाएंगे।
 

click me!