केन्द्र सरकार ने लिया ये फैसला तो पंजाब के सीएम ने की तारीफ

By Team MyNation  |  First Published Jul 11, 2019, 12:27 PM IST

असल में अमेरिका स्थित द सिख फॉर जस्टिस अपने अलगाववादी एजेंडे भारत में सिख जनमत संग्रह के लिए जोर देता है। ऐसा माना जाता है कि इस संगठन को पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी आईएसआई समर्थन देती है। हालांकि पाकिस्तान में भी कई सिख संगठन कनाडा और अमेरिका में भारत के खिलाफ मुहिम चलाते रहते हैं। 

केन्द्र सरकार ने खालिस्तान समर्थक समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की कथित राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के कारण प्रतिबंध लगा दिया। केन्द्र सरकार के इस फैसले की तारीफ कांग्रेस शासित पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी कर रहे हैं। असल में ये संगठन भारत में जनमत संग्रह पर जोर देता रहता है। जिसके कारण इस संगठन पर केन्द्र सरकार ने प्रतिबंध लगाया है।

असल में अमेरिका स्थित द सिख फॉर जस्टिस अपने अलगाववादी एजेंडे भारत में सिख जनमत संग्रह के लिए जोर देता है। ऐसा माना जाता है कि इस संगठन को पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी आईएसआई समर्थन देती है। हालांकि पाकिस्तान में भी कई सिख संगठन कनाडा और अमेरिका में भारत के खिलाफ मुहिम चलाते रहते हैं।

लिहाजा केन्द्र सरकार ने एसएफजे को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत प्रतिबंधित कर दिया है। इस प्रतिबंध के कारण ये संगठन अब भारत में किसी भी तरह की गतिविधियां संचालित नहीं कर पाएगा। ये संगठन खुलेआम खालिस्तान का समर्थन करता है। हालांकि इस संगठन में ज्यादातर लोग प्रवासी भारतीय हैं।

लेकिन ये भारत या फिर अमेरिकी या कनाडा में रहने वाले नागरिकों को प्रभावित कर सकता है। आईएसआई अमेरिका में सिख संगठनों को पाकिस्तान सिख संगठनों के जरिए साधते हैं। जिसके जरिए वह भारत के खिलाफ एजेंडा चलाते हैं। पंजाब में भी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान एजेंसी मदद करती है।

फिलहाल भारत सरकार ने खालिस्तान समर्थक समूहों को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। ऐसा माना जाता है कि इन संगठनों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पैसा मुहैया कराती है और भारत के खिलाफ इस्तेमाल करती है। यही नहीं पाकिस्तान के कई संगठनों का भी आईएसआई मुखर समर्थन करती रहती है।

आईएसआई की शह पर यह गुट भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं। फिलहाल केन्द्र सरकार के इस फैसले को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने समर्थन दिया है। उन्होंने केन्द्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।

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