खनन घोटाले में चंद्रकला के साथ-साथ बढ़ सकती हैं अखिलेश यादव की मुश्किलें

By Gopal Krishan  |  First Published Jan 5, 2019, 6:42 PM IST

यूपी में तैनात चर्चित आईएएस अधिकारी बी.चंद्रलेखा के घर औऱ कई ठिकानों पर छापे मारे गए हैं। सीबीआई ने इस दौरान भारी मात्रा में संपत्तियां जब्त की हैं। बताया जा रहा है कि चंद्रलेखा पर भ्रष्टाचार के जो आरोप लग रहे हैं उसके तार यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी जुड़ रहे हैं। क्योंकि वह 2012-13 में मुख्यमंत्री पद के साथ खनन मंत्रालय भी संभाल चुके हैं। यह घोटाला अखिलेश के खनन मंत्री रहते हुए 2012 से ही शुरु हुआ था। 

अवैध खनन के मामले में आईएएस अधिकारी बी. चंद्रलेखा और दूसरे आरोपियों से जुड़े चौदह ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी हुई। जो कि दिल्ली, लखनऊ, नोएडा, कानपुर, जालौन में हैं। 

सीबीआई ने इस मामले में सात प्राथमिक मामले दर्ज किए थे। जिसमें कई सरकारी अधिकारियों के भी नाम हैं। सीबीआई टीम ने लखनऊ स्थित हुसैनगंज में आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला के आवास पर भी छापा मारा।

चंद्रकला पर आरोप है जब  उनकी पोस्टिंग हमीरपुर जिले के जिलाधिकारी (डीएम) के रूप में की गई थी तो उस दौरान उन्होंने मौरंग के 50 खनन पट्टे आवंटित किए थे, जबकि इसके लिए पहले टेंडर देने का नियम था। इन अवैध खनन पट्टों को लेकर स्थानीय लोगों ने बड़ा प्रदर्शन भी किया था। 

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सीबीआई को अवैध खनन घोटाले की जांच का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सीबीआई को यूपी के 5 जिलों- शामली, हमीरपुर, फतेहपुर, देवरिया और सिद्धार्थ नगर में अवैध रेत खनन के आरोपों की जांच का आदेश दिया। 

अवैध खनन के मामले में सीबीआई की टीमों ने शनिवार को लखनऊ, कानपुर, हमीरपुर, जालौन समेत कुल 12 जगहों पर छापेमारी की। सीबीआई टीम ने लखनऊ स्थित हुसैनगंज में आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला के आवास पर भी छापा मारा। 

सफायर अपार्टमेंट में सीबीआई ने छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज भी जब्त किए। एजेंसी के मुताबिक इन अफसरों और कर्मचारियों पर 2012 से 2016 के दौरान अवैध खनन की इजाजत देने का आरोप है। 

सीबीआई का कहना है कि 2012 से 2013 तक अखिलेश यादव खनन मंत्री थे। उस दौर में जो भी मंत्री थे, उनकी भूमिका की जांच होगी। अखिलेश यादव 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। 2012 से ही यूपी में खनन घोटाले की शुरुआत हुई। 

 इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई मामले की जांच कर रही है। चंद्रकला हमीरपुर और बुलंदशहर की डीएम रह चुकी हैं और उन पर डीएम रहते हुए अवैध खनन कराने का आरोप है।  चंद्रकला लखनऊ में योजना भवन के पास सफायर अपार्टमेंट में रहती हैं। सफायर अपार्टमेंट में सीबीआई ने छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज भी जब्त किए।

इस मामले में जब माय नेशन ने यूपी में मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन से उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही, तो उन्होंने जवाब दिया कि ‘उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के घोटालों की फेहरिस्त अब खुलने लगी है। देखते हैं यह सिलसिला कहां जाकर रुकता है। शायद यही कारण है कि दो भ्रष्ट पार्टियां अपने भ्रष्ट इतिहास पर पर्दा डालने के लिए एक साथ आना चाहती हैं’।  

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पूर्व आईएएस बी चंद्रकला में कितनी नजदीकी है इसका अंदाजा इस तस्वीर से लगाया जा सकता है। यह तस्वीर बुलंदशहर की है। जहां चंद्रकला जिलाधिकारी थीं। उस समय अखिलेश यादव मुख्यमंत्री के तौर पर दौरा करने गए थे। उन्होंने सार्वजनिक मंच से उनकी तारीफों के पुल बांध दिए थे। 

इस मामले में जिन मुख्य आरोपियों पर छापेमारी हुई उनके नाम इस प्रकार हैं। 
1.    बी. चंद्रकला(आईएएस)
2.    आदिल खान(माइनिंग लीज होल्डर)
3.    मोइनुद्दीन(जियोलोजिस्ट)- इनके लखनऊ के आवास से 12 लाख रुपए और लगभग दो किलो सोना मिला है। 
4.    रमेश कुमार मिश्रा(विधान पार्षद)
5.    दिनेश कुमार मिश्रा(रमेश के भाई)
6.    रामाश्रय प्रजापति(माइनिंग क्लर्क)
7.    संजय दीक्षित(बीएसपी नेता)
8.    सत्यदेव दीक्षित(संजय दीक्षित के पिता)
9.    रामावतार सिंह(सीनियर क्लर्क)-इनके घर से दो करोड़ नकदी और दो किलो सोना मिला है। 
10.    करण सिंह(रामावतार सिंह से जुड़े)
11.    अंबिका तिवारी

सीबीआई की ओरिजिनल एफआईआर- 

 

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