जमीन घोटाले में भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ सीबीआई ने दायर की चार्जशीट

By ankur sharma  |  First Published Dec 1, 2018, 2:18 PM IST

केंद्रीय जांच एजेंसी ने अदालत में आरोपपत्र दायर किया। एजेंसी का आरोप है कि सी-17 नाम के जमीन के टुकड़े को दोबारा आवंटित करने की वजह से राजकोष को 67 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। 

नई दिल्ली--हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पंचकूला कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। हुड्डा के अलावा 33 अन्य लोगों के खिलाफ भी सीबीआई ने आरोपपत्र दाखिल की है।

बहुचर्चित मानेसर प्लॉट आवंटन केस में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है। यह मामला सितंबर 2015 में दर्ज किया गया था। शुक्रवार को सीबीआइ कागजों से भरी एक अलमारी लेकर कोर्ट मे पहुंची।

सीबीआई ने आईपीसी की धारा 120-बी 420 और धारा 13 (2) के तहत विशेष सीबीआई न्यायाधीश पंचकुला में पीसी चार्ज शीट दायर की है। एजेंसी का आरोप है कि सी-17 नाम के जमीन के टुकड़े को दोबारा आवंटित करने की वजह से राजकोष को 67 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। 

एजेंसी ने हरियाणा के तात्कालीन मुख्यमंत्री हुड्डा (जो कि उस समय हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (हूडा) के अध्यक्ष भी थे) और सोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के अध्यक्ष वोरा और कंपनी पर भारतीय दंड संहिता की आपराधिक षडयंत्र से संबंधित धाराओं और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं। 

आरोपपत्र में सीबीआई ने कहा है कि एजेएल को 1982 में पंचकूला में जमीन का एक टुकड़ा आवंटित किया गया था जिस पर 1992 तक कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ। हूडा ने इसके बाद उस जमीन के टुकड़े को वापस अपने कब्जे में ले लिया। 

आरोपपत्र में कहा गया है कि दोबारा यही जमीन एजेएल को 2005 में उसी दर पर फिर दे दी गई। यह हूडा के अध्यक्ष हुड्डा द्वारा किया गया जो नियम के खिलाफ है। 

एजेएल पर कांग्रेस के नेताओं का कथित तौर पर नियंत्रण है, जिसमें गांधी परिवार भी शामिल है। यह एजेएल समूह नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र का प्रकाशन भी करता है।
 

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