आरोप है कि जाधव ने प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए 2010 में एक समिति का गठन किया था। इस समिति को महाप्रबंधक (परिचालन) पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश करनी थी।
यूपीए सरकार के समय के एक और घोटाले के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी ने एफआईआर दर्ज कर दी है। सीबीआई ने एयर इंडिया के पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अरविंद जाधव के खिलाफ विभिन्न पदोन्नतियों एवं नियुक्तियों में कथित रूप से प्रक्रियाओं के उल्लंघन का मामला दर्ज किया है। सीबीआई का आरोप है कि एयरलाइन के पूर्व प्रमुख जाधव ने प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए 2010 में एक समिति का गठन किया था। इस समिति को महाप्रबंधक (परिचालन) पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश करनी थी।
जाधव के अलावा सीबीआई ने एयरलाइन की तत्कालीन कार्यकारी निदेशक (कार्मिक) एल पी नखवा (अब सेवानिवृत्त) तथा पूर्व अतिरिक्त महाप्रबंधकों (परिचालन) ए कठपालिया, अमिताभ सिंह तथा रोहित भसीन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि आपराधिक आरोपों में घिरे होने के बावजूद अयोग्य लोगों को पदोन्नति दी गई।
इन लोगों के खिलाफ आईपीसी की आपराधिक साजिश तथा भ्रष्टाचार निवारण कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। तीन सदस्यीय समिति में तत्कालीन मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) गुस्ताव बालदौफ, तत्कालीन कार्यकारी निदेशक (परिचालन) ए एस सोमान तथा पूर्व कार्यकारी निदेशक (कार्मिक) एल पी नखवा शामिल थीं।
नखवा महाप्रबंधक (चिकित्सा सेवा) के पद पर भी थीं। इस पद को अस्थायी व्यवस्था के तौर पर 31 अगस्त, 2009 तक बढ़ाने के बाद उन्हें कार्यकारी निदेशक (चिकित्सा सेवा) का पद दिया गया।
आरोप है कि नखवा को एक सितंबर, 2009 से फिर से महाप्रबंधक (चिकित्सा सेवा) पद पर वापस आना था, लेकिन वह कार्यकारी निदेशक के पद पर बनी रहीं। यह साफ तौर पर नागर विमानन मंत्रालय के छह मार्च, 2009 के आदेश का उल्लंघन था।
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, जांच में पाया गया कि जाधव ने एक अप्रैल, 2010 से उचित प्रक्रियाओं का पालन किए बिना कार्यकारी निदेशक (चिकित्सा सेवा) के पद को नियमित कर दिया। नागर विमानन मंत्रालय ने नखवा की कार्यकारी निदेशक (चिकित्सा सेवा) पर पर अनियमित नियुक्ति को रद्द कर दिया और पलट दिया।
सीबीआई ने कहा कि नखवा को कार्यकारी निदेशक (चिकित्सा सेवा) से दोबारा महाप्रबंधक के पद पर भेजने के बाद जाधव द्वारा महाप्रबंधक (परिचालन) पद पर उचित उम्मीदवारों के चयन के लिए गठित समिति को पुनर्गठित किया जाना चाहिए था। एयर इंडिया की प्रमोशन नीति के अनुसार, यह जरूरी था क्योंकि पदोन्नति समिति के सदस्य जिस पद पर चयन किया जा रहा है उससे दो स्तर ऊपर होने चाहिए। वहीं नखवा उसी पद पर थीं जिस पद पर नियुक्ति की जानी थी।
समिति ने महाप्रबंधक (परिचालन) पर प्रमोशन के लिए 15 अतिरिक्त महाप्रबंधक (परिचालन) उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया। समिति ने पांच उम्मीदवारों अतिरिक्त महाप्रबंधक (परिचालन) एक कठपालिया, अमिताभ सिंह, रोहित भसीन, ए के गुजरल तथा एन के बेरी के नाम पर प्रमोशन के लिए विचार किया।
सीबीआई की एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि कठपालिया के खिलाफ आपराधिक मामला लंबित था लेकिन उन्हें कथित रूप से सतर्कता मंजूरी दे दी गई। इसके अलावा सिंह और भसीन के खिलाफ भी शिकायतें लंबित थी, जिनका इस पद के लिए चयन किया गया।