सीसीटीवी फुटेज में टोपी उतारने और कपड़े फाड़ने की बात नहीं। कई लोगों के पिटाई करने का दावा भी निकला झूठा। पुलिस ने शराब के नशे में हुई मामूली घटना बताया।
हरियाणा के गुरुग्राम में कथित तौर पर एक मुस्लिम युवक की टोपी फेंकने और उससे जबरदस्ती 'जय श्रीराम' बुलवाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। सदर बाजार स्थित जामा मस्जिद के पास यह घटना हुई थी। हालांकि पीड़ित युवक मोहम्मद बरकत अली का दावा सीसीटीवी फुटेज से मेल नहीं खा रहा है।
पीड़ित का दावा था कि 6 युवकों ने उसके साथ मारपीट की और जबरन 'जय श्रीराम' के नारे लगवाए। उधर, सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि सिर्फ एक ही युवक ने बरकत अली से हाथापाई की। इसके बाद पास ही झाड़ू लगा रहे एक सफाईकर्मी ने दोनों को अलग करा दिया। न तो उसकी टोपी उतारी गई और न ही कपड़े फाड़े गए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज में पीड़ित युवक शनिवार देर रात 10 बजकर 2 मिनट पर मस्जिद से लौटता दिख रहा है। उसके सिर पर टोपी भी थी। इसी दौरान शराब के नशे में धुत एक व्यक्ति दूसरी ओर से आया। आमने-सामने आने पर दोनों में बहस हुई। कुछ सेकंड तक बहस के बाद आरोपित ने पीड़ित को थप्पड़ मारा। इस पर पीड़ित ने भी उसे धक्का दिया। आरोपित ने वहीं पड़ा एक डंडा उठाकर पीड़ित को मारा। तभी पास में झाड़ू लगा रहा एक व्यक्ति बीच में आया और दोनों को अलग कर दिया।
सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि इसके बाद दोनों अपने-अपने रास्ते पर चले गए। लेकिन पीड़ित दोबारा वहां पहुंचा और पुलिस को कॉल कर सूचना दी। इसके बाद मस्जिद से भी 8-10 लोग आए। फुटेज देखने के बाद सभी ने इसे मामूली कहासुनी बताया। पीड़ित युवक भी पहले शिकायत देने के लिए इनकार करता रहा। डीसीपी वेस्ट सुमेर सिंह यादव ने बताया कि आरोपी की पहचान के प्रयास चल रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह एक मारपीट की छोटी सी घटना है जिसे कुछ असामाजिक तत्व सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। गुरुग्राम में शराब के नशे में मारपीट की मामूली सी घटना हुई है। आरोपी की पहचान के लिए फुटेज को लैब भेजकर साफ करवाया जा रहा है।
पहले क्या किया था दावा
बरकत आलम ने अपनी शिकायत में कहा था, 'आरोपियों ने मुझे धमकी दी और कहा कि इलाके में टोपी पहनने की इजाजत नहीं है। उन्होंने मेरी टोपी उतार दी और मुझे थप्पड़ मारा। उन्होंने 'भारत माता की जय' का नारा लगाने को कहा। उनके कहने पर मैंने नारा लगाया। उसके बाद उन्होंने मुझे 'जय श्रीराम' बोलने के लिए भी मजबूर किया, मैंने इनकार कर दिया। उसके बाद आरोपियों ने लाठी से मेरे पैर और पीठ पर वार किए।